उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में कराने का फैसला किया है। राज्य सरकार प्रत्येक मृतक के आश्रितों को 45-45 लाख रुपये और घायलों को दस-दस लाख रुपये अनुग्रह राशि देगी। मृतक परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी।
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अपर महानिदेशक कानून और व्यवस्था प्रशान्त कुमार तथा अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने लखीमपुर में किसान नेताओं की उपस्थिति में यह घोषणा की। इस बीच, लखीमपुर जिले में कल हुई हिंसा के संबंध में तिकुनिका थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस हिंसक घटना में आठ लोगों की मौत हो गई थी। एफआईआर में स्थानीय सांसद और गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा का भी नाम है। जिले में बडी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। आज किसी अप्रिय घटना की खबर नही है।
एहतियाती उपाय के तौर पर रेलवे ने लखीमपुर जिले से गुजरने वाली तीन रेलगाडियों को रद्द कर दिया है। लखीमपुर खीरी को जाने को इच्छुक कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है जिनमें समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, चन्द्रशेखर और अन्य नेता शामिल थे।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखीमपुर जिले के लोगों को शांति बनाए रखने और घर पर रहने तथा अफवाहों पर ध्यान न देने की पहले ही अपील कर चुके हैं।
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