उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर 2021 को हुई हिंसा के मुख्य आरोपी और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा ने आज मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करते हुए उसे एक सप्ताह के अंदर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था।
आशीष मिश्रा ने जमानत की अवधि समाप्त होने से एक दिन पहले अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। उसे फरवरी 2022 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दी गई थी। यह मामला अक्टूबर 2021 में लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा से संबंधित है, जिसमें चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे।
पिछले हफ्ते शीर्ष अदालत ने आरोपी की जमानत को चुनौती देने वाली किसानों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मिश्रा के खिलाफ फैसला सुनाया था। तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा था कि हिंसा के पीड़ितों को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के अधिकार से वंचित कर दिया गया, जिसने मिश्रा को जमानत दी थी। उन्होंने उच्च न्यायालय से आशीष मिश्रा को दी गई जमानत पर पुनर्विचार करने को भी कहा था।
यह घटना 3 अक्टूबर, 2021 की है, जब किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लखीमपुर खीरी जिले में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसी बीच केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा के स्वामित्व वाली एक एसयूवी ने किसानों को रौंद दिया, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। जैसा कि प्रदर्शनकारी किसानों का आरोप है, दुर्घटना के समय अजय मिश्रा का पुत्र आशीष मिश्रा कार के अंदर था
इसके बाद काफी हंगामा मचने पर मामला दर्ज किया गया और सुप्रीम कोर्ट ने इस घटना की निगरानी और जांच के लिए सेवानिवृत्त पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश राकेश कुमार जैन को भी नियुक्त किया। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार द्वारा एक एसआईटी का भी पुनर्गठन किया गया था, जिसमें तीन आईपीएस अधिकारी शामिल थे। वहीं, मंत्री के बेटे को भी गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, जांच और चार्जशीट दाखिल करने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 10 फरवरी 2022 को मिश्रा को जमानत दे दी थी।
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