मुंबई, 06 फरवरी। भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। पूरे देश में उन्हें मां शारदे की उपाधि मिली हुई हैं। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से लता जी मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में एडमिट थी। बीते दिनों उन्हें कोरोना से संक्रमित पाया गया। इस खबर से उनके तमाम चाहने वाले उनकी अच्छी सेहत के लिए दुआ कर रहे थे, लेकिन इसी बीच उनके निधन की खबर से शोक की लहर छा गई है।
डॉक्टर्स की मानें तो बाद में वह न्यूमोनिया से पीड़ित हो गईं। हालत बिगड़ने के बाद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। उनकी हालत में सुधार के बाद वेंटिलेटर सपोर्ट भी हट गया था, लेकिन 5 फरवरी को उनकी स्थिति बिगड़ने लगी और उन्हें फिर से वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। आखिरकार, 6 फरवरी को ‘स्वर कोकिला’ ने आखिरी सांस ली।
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‘भारत की नाइटिंगेल’ के नाम से दुनियाभर में मशहूर लता मंगेशकर ने करीब पांच दशक तक हिंदी सिनेमा में फीमेल प्लेबैक सिंगिंग में एकछत्र राज किया। 92 साल की लता मंगेशकर ने करीब दर्जन भर भाषाओं में अपनी आवाज दी थी। 28 सितंबर, 1929 को इंदौर के एक छोटे से घर में स्वर कोकिला का जन्म हुआ था। छोटी उम्र से ही उन्होंने संगीत का रियाज शुरू कर दिया था। आपको बता दें कि बचपन का नाम उनका ‘हेमा’ था। मात्र 13 साल की उम्र में उनके सिर से पिता का साया उठ गया था। अपने बचपन के समय उन्हें आर्थिक दिक्क्तों का भी सामना करना पड़ा था।
उनके बचपन से जुड़े कई किस्से सामने आए हैं। ऐसा बताया जाता है कि अपनी छोटी बहनों की पढ़ाई जारी रखने के लिए उन्होंने स्कूल जाना त्याग दिया था और घर की बड़ी बिटिया होने के कारण उन्होंने सभी जिम्मेदारी बखूबी निभाया। उन्होंने 13 साल की उम्र से गाना शुरू किया था। अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए उन्होंने कई बचपन की तस्वीरें शेयर की थी। संगीत के लिए उनकी इतनी श्रद्धा थी कि लता जी रिकॉर्डिंग से पहले हमेशा चप्पल उतार देती थीं। स्वर कोकिला नंगे पांव गाना गाती थीं।
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