नई दिल्ली, 08 अगस्त। कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी के निर्देशानुसार यूनियन ने कोल सचिव को चार बिंदुओं वाला पत्र लिखा है। इस पत्र में एचएमएस, एटक, सीटू के पदाधिकारियों ने हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन बीएमएस ने इससे किनारा कर लिया है।
दो अगस्त को संसद परिसर में कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी के साथ नाथूलाल पांडेय (HMS), के. लक्ष्मा रेड्डी (BMS), डीडी रामनदंन (CITU), आरसी सिंह (AITUC) ने मुलाकात की थी। यह मीटिंग कोयला कामगारों के वेतन समझौते में हो रही देरी को लेकर की गई थी। संसद सत्र के बीच श्री जोशी ने यूनियन नेताओं को 15- 20 मिनट का समय दिया था।
इस दौरान जेबीसीसीआई की बैठकों सहित अन्य मुद्दों की ओर ध्यान आकृष्ट कराया गया था। चुंकि इस बैठक में विस्तार से चर्चा नहीं हो सकी थी, लिहाजा मंत्री ने यूनियन नेताओं से उनकी बातों को लिखित में कोल सचिव को प्रेषित करने कहा था।
कोयला मंत्री के निर्देशानुसार आठ अगस्त को यूनियन ने चार बिंदुओं पर आधारित एक पत्र कोल सचिव के नाम लिखा। पत्र में जेबीसीसीआई- 11 की बैठकों में तेजी लाने, डीपीई के निर्देशों के कारण वेतन समझौते के आगे बढ़ने में आ रही कठनाई को दूर करने, एनसीएल में डंपर ऑपरेटर्स का सावधि नियोजन, अनुषांगिक कंपनियों में निदेशक (कार्मिक) के रिक्त पदों को भरे जाने की संबंधी बिंदुओं का उल्लेख किया गया है।
इस पत्र में नाथूलाल पांडेय, आरसी सिंह और डीडी रामानंदन के हस्ताक्षर हैं। बीएमएस के लक्ष्मा रेड्डी के पत्र में हस्ताक्षर नहीं हैं। श्री रेड्डी के पत्र में हस्ताक्षर नहीं होने पर बीएमएस को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
बताया गया है कि श्री रेड्डी से पत्र में हस्ताक्षर के लिए नाथूलाल पांडेय एवं श्री रामानंदन ने संपर्क किया था, लेकिन रिस्पांस नहीं मिला। अतः तीनों यूनियन ने आपस में चर्चा कर पत्र कोल सचिव को प्रेषित कर दिया।
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