कंपनी ने एक बयान में कहा कि यह पहली बार है जब किसी कारोबारी साल में उसका सरप्लस (Saving) 50 हजार करोड़ रुपये के पार निकल गई है. LIC के चेयरमैन एमआर कुमार ने वित्त सचिव राजीव कुमार और विशेष सचिव देवाशीष पांडा की उपस्थिति में लाभांश का चेक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंपा. LIC के गठन के 63 साल पूरे हो ग, हैं और कंपनी अभी 31.11 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का प्रबंधन कर रही है.
कारोबारी साल 2018-19 में कंपनी की सालाना इनकम 5.61 लाख करोड़ रुपये और पहले साल का प्रीमियम 1,42,191.69 करोड़ रुपये रहा. इस दौरान कंपनी ने 2.59 करोड़ दावों में 1.63 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया.
आईडीबीआई बैंक ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 4,185 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया था. इस दौरान बैंक की कुल आय घटकर 6,190.94 करोड़ रुपये रह गई, जबकि एक साल पहले की समान तिमाही में बैंक की आय 7,125.20 करोड़ रुपये थी.