नई दिल्ली। भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी को बेचने की तैयारी मोदी सरकार तेजी से कर रही है। एलआईसी की बिक्री का मामला अब अंतिम चरण में आ गया है। यह तय हो गया है कि कुल कितनी हिस्सेदारी बेची जाएगी और एलआईसी एक्ट में क्या क्या बदलाव करने होंगे। अगर सब ठीक चला तो एलआईसी की हिस्सेदारी इसी वित्तीय वर्ष में पूरी हो सकती है। छोटे निवेशकों यानी खुदरा निवेशकों को इस एलआईसी के आईपीओ में कुछ खास दिया जा सकताा है। एलआईसी को बेचने की तैयारी में इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है। आइये जानते हैं कि मोदी सरकार की एलआईसी को बेचने की तैयारी कहां पहुंच गई है।
एलआईसी को बेचने के लिए कैबिनेट प्रस्ताव तैयार
जानकारी के अनुसार शुरुआत में सरकार एलआईसी की 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है। बाद मे एलआईसी की और बिक्री की जाएगी और यह बिक्री 25 फीसदी हिस्सेदारी तक की हो सकती है। हिस्सेदारी बेचने के साथ ही एलआईसी बड़ी संख्या में बोनस शेयर भी जारी कर सकती है। सीएनबीसी आवाज में प्रकाशित खबर के अनुसार वित्त मंत्रालय ने कैबिनेट के लिए अंतिम प्रस्ताव लगभग तैयार कर लिया है। इसमें एलआईसी एक्ट में बदलाव के बारे में भी तैयारी की जा रही है। जानकारी के अनुसार सरकार आईपीओ के जरिए एलआईसी में हिस्सेदारी बेचेगी।
रिटेल निवेशकों का रखा जाएगा ध्यान
एलआईसी की हिस्सेदारी बेचते वक्त रिटेल यानी खुदरा निवेशकों को ध्यान रखा जाएगा। जानकारी के अनुसार सरकार रिटेल निवेशकों को खास ऑफर दे सकती है। इस ऑफर में एलआईसी आईपीओ का एक हिस्सा आरक्षित रखा जा सकता है और आईपीओ के लिए तय होने वाले रेट में भी खुदरा निवेशकों को छूट मिल सकती है।
जानिए एलआईसी का आकार
एलआईसी देश ही नहीं दुनिया में टॉप की बीमा कंपनियों में शुमार है। यही कारण है कि सरकार एक बार में इसकी 25 फीसदी हिस्सेदारी नहीं बेच पाएगी। ऐसे में शुरू में 10 फीसदी हिस्सेदारी बेची जाएगी और बाद में कुछ और हिस्सेदारी टुकड़ों में बेची जाएगी। एलआईसी के आकार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है यह कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट होते ही सबसे बड़ी या दूसरे नंबर की कंपनी पहले ही दिन बन सकती है। एलआईसी का मार्केट कैप लिस्टिंग के साथ ही 10 लाख करोड़ रुपये के ऊपर जा सकता है। बीमा सेक्टर की देश में कुल एसेट 37 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें से केवल एलआईसी का हिस्सा ही 33 लाख करोड़ रुपये के आसपस है।
एलआईसी एक्ट में बदलाव की तैयारी
जानकारी के अनुसार एलआईसी में हिस्सेदारी बेचने के पहले सरकार को एलआईसी एक्ट में कुछ बदलाव करने होंगे। माना जा रहा है कि एलआईसी एक्ट में करीब 6 बदलाव किए जाएंगे। एलआईसी एक्ट में शेयरधारकों के बीच मुनाफा बांटने, अथॉराइज्ड कैपिटल और इश्यूड कैपिटल का प्रावधान जोड़ा जाएगा। वहीं प्रबंधन बोर्ड में बदलाव के लिए जरूरी प्रावधान जोड़े जाएंगे। इन बातों को लेकर कैबिनेट ड्राफ्ट नोट जारी हो चुका है, जिसे जल्द मंजूरी दी जाएगी। जहां तक जानकारी मिल रही है उसके अनुसार संसद के अगले सत्र में मनी बिल के तौर पर एलआईसी एक्ट में बदलाव पेश किया जा सकता है।