नई दिल्ली। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) एक सरकारी बीमा कंपनी है, जो कई तरह के बीमा और निवेश ऑप्शन की पेशकश करती है। एलआईसी की पॉलिसियां नीतियां बहुत पसंद की जाती हैं। माना जाता है कि एलआईसी की पॉलिसी रखने से आपका भविष्य सुरक्षित है। एलआईसी की एक खास पॉलिसी है, जिसे न्यू बीमा बचत प्लान नाम दिया गया है। यह एक नॉन-लिंक्ड बचत और प्रोटेक्शन स्कीम है। इस पॉलिसी में आपको शुरुआत में एक बार में ही प्रीमियम का भुगतान करना होता है। यह एक मनी-बैक योजना है। इस मनी-बैक स्कीम में आपको पॉलिसी की अवधि के दौरान मृत्यु पर वित्तीय सुरक्षा मिलेगी। इसके अलावा पॉलिसी अवधि के दौरान एक तय समय में में सर्वाइवल बेनेफिट्स भी मिलेंगे।
वापस मिलता है सिंगल प्रीमियम
इस प्लान में मैच्योरिटी पर आपको लॉयल्टी (यदि कोई हो) के साथ सिंगल प्रीमियम लौटा दिया जाता है। इस योजना में निवेशक की कैश जरूरतों का भी ध्यान रखा जाता है, इसलिए इसमें लोन की सुविधा उपलब्ध है। इस योजना में निवेशकों की उम्र और जरूरतों के आधार पर तीन पॉलिसी अवधि के विकल्प हैं। आप 9, 12 और 15 साल की पॉलिसी अवधि में से कोई एक विकल्प चुन सकते हैं। पॉलिसी की अवधि आपको आवेदन के समय चुननी होती है। इस योजना के लिए केवल एक प्रीमियम देना होता है।
कितनी है आयु लिमिट
न्यू बीमा बचत प्लान में निवेशकों की न्यूनतम आयु 15 वर्ष है। वहीं अधिकतम आयु 50 वर्ष है। आइए जानते हैं कि इस योजना के और क्या-क्या फायदे हैं।
ये हैं डेथ बेनेफिट
योजना में पॉलिसी अवधि के पहले पांच वर्षों के दौरान यदि पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाए तो बीमित राशि दी जाती है। पॉलिसी के पाँच वर्ष पूरा होने के बाद मृत्यु पर बीमित राशि के साथ लॉयल्टी भी दी जाएगी।
शानदार हैं सर्वाइवल बेनेफिट
इसका भुगतान निर्दिष्ट अवधि के आखिर तक जीवित रहने के एश्योरेंस पर होता है। 9 साल की पॉलिसी अवधि के मामले में बीमित राशि का 15 प्रतिशत तीसरे और छठे पॉलिसी वर्ष के अंत में दिया जाता है। 12 वर्ष की पॉलिसी अवधि के मामले में बीमित राशि का 15 प्रतिशत तीसरे, छठे और नौवें पॉलिसी वर्ष के अंत में दिया जाता है। वहीं 15 वर्ष की पॉलिसी अवधि के मामले में तीसरे, छठे, नौवें और बारहवें पॉलिसी वर्ष के अंत में बीमित राशि का 15 प्रतिशत दिया जाता है।
ये है मैच्योरिटी बेनेफिट
इस योजना में मैच्योरिटी के समय आपने जो सिंगल प्रीमियम दिया (टैक्स और अतिरिक्त प्रीमियम को हटा कर) उसके साथ अगर कोई लॉयल्टी है, तो वह भी दी जाती है।