भोपाल, 09 मार्च। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वर्ष 2022-23 का बजट सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे संतु निरामय:, सब सुखी हों, सब निरोग हों, सबका मंगल हो, सबका कल्याण हो, के भाव से बनाया गया है। यह वित्तीय प्रबंधन का उत्तम उदाहरण है। विपरीत परिस्थितियों में सामंजस्य बनाते हुए बेहतर वित्तीय प्रबंधन से ऐसा बजट प्रस्तुत करने के लिए वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा बधाई के पात्र हैं, यह बजट स्वागत योग्य है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विधानसभा में बजट प्रस्तुत होने के बाद बजट पर अपना अभिमत व्यक्त करते हुए विधानसभा में मीडिया प्रतिनिधियों से यह बात कही।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की विकास दर करंट रेट पर प्राप्त आंकड़ों के आधार पर देश में सर्वाधिक है। प्रदेश 19.7 प्रतिशत से अधिक की विकास दर अर्जित करने में सफल रहा है। यह प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि है। आज प्रस्तुत बजट आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण का बजट है। यह प्रधानमंत्री श्री मोदी के वैभवशाली, गौरवशाली, सम्पन्न और समृद्ध भारत के निर्माण के स्वप्न और संकल्प को पूर्ण करने का बजट है।
जन-सामान्य से आमंत्रित सुझावों के आधार पर बनाया गया है बजट
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह बजट केवल अर्थ-शास्त्रियों और अधिकारियों ने ही नहीं बनाया अपितु यह जनता के सुझावों के आधार पर भी बनाया गया है। जन-सामान्य से आमंत्रित कई सुझावों को बजट में सम्मिलित किया गया है। यह सर्वस्पर्शी और सर्वव्यापी बजट है। अधो-संरचना के निर्माण और जन-कल्याण की योजनाओं में प्रदेश के सभी अंचलों बुंदेलखंड, विंध्य क्षेत्र, महाकौशल, ग्वालियर, चंबल, मालवा, निमाड़, भोपाल आदि के संतुलित विकास का ध्यान रखा गया है। बजट में सबके साथ न्याय किया गया है।
राशन, आवास, बच्चों की पढ़ाई और इलाज की व्यवस्था के लिए किए गए हैं विशेष प्रावधान
हर घर में नल से जल के लिए 06 हजार करोड़ से अधिक का प्रावधान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह सर्वस्पर्शी बजट है, क्योंकि यह गरीब कल्याण का बजट है। गरीबों को राशन मिलता रहे, हर गरीब का पक्का मकान बने, हर गरीब के घर पीने का पानी पहुँचे, गरीब परिवारों के बच्चों की शिक्षा की बेहतर व्यवस्था हो, इसका विशेष ध्यान रखा गया है। एक ही वित्तीय वर्ष में आवास निर्माण के लिए दस हजार करोड़ रूपए की व्यवस्था की गई है, जो संभवत: इतिहास में पहली बार हुआ है। हर घर में नल से जल के लिए जल जीवन मिशन में 06 हजार करोड़ अधिक का प्रावधान राज्य सरकार के गरीब कल्याण के संकल्प को व्यक्त करता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गरीब बीमारी में इलाज करा पाएँ, इसकी पर्याप्त व्यवस्था की गई है। गरीबों के लिए संबल योजना वरदान है। बजट में संबल योजना के लिए विशेष प्रावधान किया गया है।
खाद, बीज और ऋण की उपलब्धता और मिलेट मिशन एवं प्राकृतिक खेती के लिए विशेष प्रावधान
पशुपालन, उद्यानिकी, खाद्य प्र-संस्करण, मछली पालन के लिए 20 हजार 27 करोड़ रूपए की व्यवस्था
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गरीब-कल्याण के साथ यह किसानों के कल्याण का भी बजट है। किसानों को 07 हजार 618 करोड़ रूपए फसल बीमा योजना में दिए गए हैं। इसके पहले किसानों को आरबीसी 6-4 में 03 हजार करोड़ रूपए उपलब्ध कराए गए थे। किसानों को बिजली की सब्सिडी की निरंतरता के लिए लगभग 15 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। साथ ही फसल हानि पर राहत के लिए भी व्यवस्था की गई है। किसानों के उत्पाद खरीदने के साथ मिलेट मिशन हो या प्राकृतिक और जैविक खेती, कृषि उत्पादक संगठन हो या फसल निर्यात को प्रोत्साहन, किसानों के लिए खाद-बीज और ऋण की उपलब्धता हो या सहकारी संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण का विषय, किसान के हित के लिए बजट में सभी बिन्दुओं का ध्यान रखा गया है। पशुपालन, उद्यानिकी, खाद्य प्र-संस्करण, मछली पालन जैसी गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिए लगभग 20 हजार 27 करोड़ रूपए का प्रावधान बजट में किया गया है।
पुन: आरंभ की जा रही कन्या विवाह योजना
जेण्डर बजटिंग में महिलाओं से संबंधित विभिन्न योजनाओं में 84 हजार 512 करोड़ रूपए का प्रावधान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह महिलाओं के उत्थान का बजट भी है। लाड़ली लक्ष्मी योजना में लगभग 1400 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। साथ ही महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए आजीविका मिशन में भी विशेष व्यवस्था की गई है। कन्या विवाह योजना पुन: आरंभ की जा रही है। उद्यमिता सहित जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में महिलाएँ आगे बढ़ें, इसके लिए बजट में पर्याप्त व्यवस्था की गई है। जेण्डर बजटिंग की दृष्टि से विभिन्न विभाग की अलग-अलग योजनाओं में 84 हजार 512 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
बाल-कल्याण के लिए 57 हजार 803 करोड़ रूपए की व्यवस्था
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह बजट बच्चों के बेहतर भविष्य निर्माण का बजट है। राज्य सरकार ने इस वर्ष चाइल्ड बजट की बात कही थी। बच्चों के कल्याण से संबंधित योजनाओं, उनके स्वास्थ्य, पोषण, बेहतर शिक्षा आदि के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। सीएम राइज स्कूल के लिए 07 हजार करोड़ रूपए अलग-अलग चरणों में व्यय किए जाएंगे। बाल-कल्याण के लिए कुल 57 हजार 803 करोड़ रूपए का प्रावधान है।
कमजोर वर्ग के कल्याण के लिए विशेष व्यवस्था
अनुसूचित जाति उपयोजना के लिए 19 हजार 20 करोड़ तथा अनुसूचित जनजाति उपयोजना के लिए 26 हजार 941 करोड़ रूपए का प्रावधान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कमजोर वर्ग के कल्याण के लिए बजट में विशेष प्रावधान किया गया है। सामान्य वर्ग के गरीब हों या अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग के व्यक्ति, सभी के सहयोग और कल्याण का बजट में ध्यान रखा गया है। अनुसूचित जाति उपयोजना में 19 हजार 20 करोड़ रूपए, अनुसूचित जनजाति उपयोजना के लिए 26 हजार 941 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। इसी प्रकार घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु जातियों के लिए भी बजट में व्यवस्था है।
बजट में किया गया है कर्मचारी-कल्याण पर फोकस
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बजट में कर्मचारियों के कल्याण पर फोकस किया गया है। महंगाई भत्ता 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 31 प्रतिशत कर दिया गया है। संभवत: यह एक साथ की गई सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी है।
अधोसंरचना निर्माण के लिए 48 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान – रोजगार के अवसर होंगे सृजित
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अधो-संरचना विकास से अर्थ-व्यवस्था को गति मिलती है। अधो-संरचना के लिए 48 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था को गति देगा। सड़कों के निर्माण, सिंचाई व्यवस्था, ऊर्जा, विशेषकर नवकरणीय ऊर्जा के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। अधो-संरचना निर्माण से रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
बजट में दिया गया है लोक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बजट में स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान रखा गया है। नए चिकित्सालय, जिला चिकित्सालयों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, वेलनेस केन्द्र के सुदृढ़ीकरण तथा इलाज और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के लिए बजट में पर्याप्त प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बेहतर वित्तीय प्रबंधन से आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण, सभी वर्गों के कल्याण, अधो-संरचना निर्माण और रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से बना यह बजट स्वागतयोग्य है।
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