कोविड महामारी की चुनौतियों के बीच भारत से आम निर्यात में इस वर्ष उल्लेखनीय सफलता मिली है। चालू मौसम में नए देशों में आम का निर्यात शुरू हुआ है। खासतौर से मध्य-पूर्व के देशों में आम निर्यात पर जोर दिया जा रहा है। पश्चिम बंगाल के माल्दा जिले में होने वाले फाजिल आम की एक बडी खेप बहरीन निर्यात की गई है। यह आम भौगोलिक पहचान यानि जी आई प्रमाणित किस्म है जिसे निर्यात किया गया है।
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण- एपीडा ने गैर पारंपरिक क्षेत्र और प्रांतों से आम के निर्यात को बढावा देने के लिए इस वर्ष विशेष प्रयास शुरू किए हैं। इसके तहत आम निर्यात को बढावा देने के लिए वर्चुअल माध्यम का उपयोग करते हुए खरीदार विक्रेता सम्मेलन के साथ आम महोत्सव को आयोजन विभिन्न स्थानों पर किया जा रहा है। एपीडा ने दोहा और कतर में आम निर्यात संभावनाओं की तलाश के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया था जिसके तहत बहरीन से आम निर्यात का सौदा मिला।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में होने वाले जी आई प्रमाणित आम की नौ किस्में प्रदर्शित की गईं। इस वर्ष जून में बहरीन में एक सप्ताह तक चलने वाला आम महोत्सव कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें जी आई प्रमाणित आम की तीन किस्में खिरस्पति, लक्ष्मणभोग और जर्दालू सहित सोलह प्रकार के आम प्रदर्शन के लिए रखे गए। बहरीन से सौदा मिलने के बाद एपीडा के निबंधित निर्यातकों के माध्यम से बंगाल और बिहार के आम उत्पादकों से खरीद कर आम का निर्यात किया गया।
एपीडा की ओर से आम निर्यात के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। खासतौर से वर्चुअल माध्यम से खरीदार और विक्रेता के बीच भेंट के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। एपीडा ने हाल ही में जर्मनी के बर्लिन में भी आम महोत्सव का आयोजन किया था।
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