धनबाद, 01 मार्च। मेडिकल अनफिट (Medical Unfit) घोषित करने और आश्रितों को नौकरी देने की मांग शुरू हो गई है। इस दफे यह मांग सीधे कोयला कामगारों के परिवार की ओर से उठ रही है। इसके तहत 28 मार्च को नई दिल्ली में धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
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शुक्रवार, 28 फरवरी को धनबाद में बीमार ग्रस्त कोयला मजदूरों के आश्रितों द्वारा एक मीटिंग बुलाई गई। इसमें निर्णय लिया गया कि 28 मार्च को नई दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
इसके माध्यम से कोयला मंत्रालय एवं कोल इंडिया प्रबंधन का ध्यान मेडिकल अनफिट (9.4.0) के मुद्दे की ओर आकृष्ट कराया जाएगा। बीसीसीएल, सीसीएल, ईसीएल, एनसीएल, डब्ल्यूसीएल, एसईसीएल, एमसीएल के ऐसे कोयला कामगार जो बीमार हैं या फिर शारीरिक तौर पर कार्य करने में असक्षम हैं, उनको तथा उनके परिवार के सदस्यों को नई दिल्ली आने बुलावा भेजा जाएगा। मेडिकल अनफिट मुद्दे के प्रति समर्थन के लिए श्रमिक संगठनों और राजनीतिक दलों से भी समर्थन मांगा जाएगा।
यहां बताना होगा कि 25 फरवरी को सीआईएल (CIL) मुख्यालय में एपेक्स जेसीसी की बैठक हुई थी। इसमें श्रमिक संगठनों के नेताओं ने मेडिकल अनफिट का मुद्दा उठाया था। कोल इंडिया प्रबंधन ने मेडिकल अनफिट के आधार पर कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने की मांग ठुकरा दी थी और कहा था कि इस आधार पर नौकरी देना संभव नहीं है। यह योजना वर्षों पहले बंद हो चुकी है, लेकिन, कर्मियों की मृत्यु हो जाने पर आश्रितों को नौकरी देने का प्रावधान जारी रहेगा। प्रबंधन ने यह भी कहा कि इस संदर्भ में संसद को भी जानकारी दी जा चुकी है। एपेक्स जेसीसी की बैठक के पहले से ही इस मुद्दे को लेकर आवाज उठाई जा रही है।
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18 नवम्बर, 2017 से कोयला कामगारों को मेडिकल अनफिट का लाभ नहीं दिया जा रहा है। जबकि एनसीडब्ल्यूए (NCWA) का 9.4.0 प्रावधान प्रभावशील है। इसके तहत ही अनफिट कामगारों के आश्रितों को नियोजित किया जाना है।