सिंगरौली, 24 मार्च। शुक्रवार को भारत सरकार की मिनीरत्न कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स (NCL) के खड़िया परियोजना के मशीनी बेड़े में एक आधुनिक एवं विशाल 20 क्यूबिक मीटर क्षमता की इलैक्ट्रिक रोप शोवेल शामिल हुई।
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नई शोवेल को सीएमडी एनसीएल भोला सिंह ने खदान में नियोजित कर राष्ट्र को समर्पित किया। इस अवसर पर एनसीएल के निदेशक (कार्मिक) मनीष कुमार, निदेशक(तकनीकी/ योजना व परियोजना) जितेन्द्र मलिक, कंपनी स्तरीय जेसीसी सदस्य अजय कुमार, अरुण कुमार दुबे एवं अशोक कुमार पाण्डेय, सीएमओआई के महासचिव सर्वेश सिंह, एनसीएल की परियोजना एवं मुख्यालय के महाप्रबंधक, खड़िया परियोजना के महाप्रबंधक सहित विभिन्न अधिकारी एवं कर्मचारीगण, शोवेल निर्माता रूसी कंपनी आई-ज़ेड कर्टेक्स एवं उनकी भारतीय सहयोगी एसआरबी के सदस्य उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनसीएल के सीएमडी भोला सिंह ने कहा कि इस नई शॉवेल से खड़िया परियोजना की विभागीय उत्खनन क्षमता बढ़ेगी। साथ ही उन्होने खड़िया परियोजना से मशीन के कार्यक्षमता के अनुरूप उचित रख रखाव करते हुए इसकी अधिकतम क्षमता का उपयोग करने हेतु आह्वान किया व प्रभावी रखरखाव के लिए नियोजित कर्मियों के प्रशिक्षण पर ज़ोर दिया। उन्होने सभी कर्मियों को एनसीएल के वित्त वर्ष 2022-23 के उत्कृष्ट प्रदर्शन पर बधाई दी और आने वाले समय में सुरक्षा एवं पर्यावरण के साथ देश की ऊर्जा आकांक्षा की पूर्ति के लिए बड़े लक्ष्यों हेतु कमर कसने की बात कही।
20 क्यूबिक मीटर क्षमता की इलैक्ट्रिक रोप शोवेल बेहद ही आधुनिक तकनीकी व नवीनतम सुरक्षा सुविधाओं से लैस है। एनसीएल में इस मशीन का उपयोग परियोजनाओं में मुख्यतः अधिभार हटाने में किया जाएगा। एनसीएल के बेड़े में ईकेजी-20 केएम मॉडल की रूस में निर्मित 11 शोवेल तैनात होनी है जिसमें से दुधीचुआ, जयंत, निगाही व अमलोरी परियोजनाओं में एक-एक इस तरह की मशीन पहले ही नियोजित की जा चुकी है।
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गौरतलब है कि खड़िया एनसीएल की उत्तरप्रदेश स्थित सबसे बड़ी परियोजना है जो उत्पादन, प्रेषण एवं अधिभार में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही है। अभी तक परियोजना ने 7.25% की वार्षिक वृद्धि के साथ 14.72 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर लिया है। खड़िया परियोजना ने गुरुवार तक 14.55 मिलियन टन कोयला प्रेषण किया है व वित्त वर्ष 2022-23 में अभी तक 54.7 मिलियन क्यूबिक मीटर अधिभार भी हटाया है। परियोजना ने कोयला उत्पादन, प्रेषण व अधिभार हटाव, तीनों में अपने वार्षिक लक्ष्यों को पार कर लिया है।