उत्तरप्रदेश में बिजली संकट गहराने वाला है। बिजली कटौती को लेकर मोदी सरकार ने योगी सरकार को चेतावनी दी है। मोदी सरकार ने कहा कि जल्द से जल्द बकाया पैसे नहीं चुकाए गए तो बिजली काट दी जाएगी।
खबरों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने यूपी सरकार से बिजली पैदा करने वाली कंपनियों (जेनको) और कोल इंडिया का 9692 करोड़ रुपये का बकाया तुरंत चुकाने को कहा है। तुरंत भुगतान नहीं करने पर राज्य की बिजली बंद करने की चेतावनी भी दी गई है। केंद्रीय ऊर्जा सचिव आलोक कुमार की तरफ से यूपी के प्रमुख सचिव (ऊर्जा) को लिखे पत्र में बिजली संकट से बचने के लिए जल्द से जल्द भुगतान के लिए कहा गया है।
पत्र में कहा गया है कि पावर कॉरपोरेशन पर बिजली कंपनियों के करीब 9,372 करोड़ रुपये और कोल इंडिया के 319 करोड़ रुपये बकाया हैं। इसमें पीएसयू बिजली कंपनियों के साथ निजी बिजली कंपनियों का भी बकाया शामिल है। आंकड़ों के मुताबिक, पावर कॉरपोरेशन सालभर में करीब 1.20 लाख मिलियन यूनिट बिजली की खरीद करता है। इसका कुल भुगतान लगभग 62,000 करोड़ रुपये होता है। इस रकम का करीब 15% हिस्सा यूपी को चुकाना है।
दूसरी ओर इस धमकी भरे पत्र के मिलने के बाद राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि बिजली कंपनियों का भुगतान न करने पर बिजली संकट का खतरा बताना पूरी तरह असंवैधानिक है। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है।
परिषद अध्यक्ष ने कहा कि ऊर्जा सचिव का पत्र में धमकी बिजली निगम को नहीं बल्कि प्रदेश के तीन करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को दी जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र पावर कॉरपोरेशन पर विदेशी कोयला खरीदने का लगातार दबाव बना रहा है। विदेशी कोयला खरीदने पर कॉरपोरेशन पर अतिरिक्त दबाव आएगा।
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