नई दिल्ली, 08 नवम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जी-20 समूह की अध्यक्षता भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर दबाव बनाने के वैश्विक एजेंडे में योगदान करने का अनूठा अवसर है। उन्होंने कहा कि भारत पूरे विश्व के बेहतर भविष्य के लिए काम कर रहा है। श्री मोदी ने आज वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से जी-20 समूह सम्मेलन का लोगो, थीम और वेबसाइट का आरंभ किया। भारत पहली दिसम्बर से जी-20 की अध्यक्षता संभालेगा।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि जी-20 की भारत की अध्यक्षता संकट और अव्यवस्था के समय हो रही है। उन्होंने कहा कि विश्व इस समय कोविड महामारी के उपरांत दुष्प्रभावों और संघर्ष के दौर से गुजर रहा है तथा अर्थव्यवस्था में अत्यधिक अनिश्चितता बनी हुई है। उन्होंने कहा कि जी-20 का लोगो आशा का प्रतीक है। लोगो में कमल का प्रतीक भारत की सांस्कृतिक धरोहर और आस्था का प्रतिबिम्ब है और यह विश्व को एकजुट करने का संदेश देता है। कमल की सात पंखुडि़यां विश्व के सात महाद्वीपों और संगीत के सात सुरों का प्रतिनिधित्व करती हैं। श्री मोदी ने कहा कि जी-20 विश्व को परस्पर तालमेल के साथ एकजुट करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अनेक चुनौतियों के बावजूद भारत ने प्रत्येक कटु अनुभव को शक्ति में बदला है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद भारत ने शून्य से शुरूआत की और आज हम प्रगतिशील हैं तथा विश्व को एकजुट करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इसमें पिछले 75 वर्ष में सभी सरकारों के प्रयास शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी और आधुनिकीकरण विश्व को एकजुट करने के लिए मुख्य पहलू है। उन्होंने कहा कि भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा के संरक्षण में एक सूर्य, एक विश्व और ग्रिड जैसे प्रयासों का नेतृत्व किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जी-20 में एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य का मंत्र वैश्विक कल्याण का मार्ग प्रशस्त करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व के अन्य देश भी भारत की अनेक उपलब्धियों को उपयोग कर सकते हैं। विकास, समावेश, भ्रष्टाचार के उन्मूलन, कारोबार करना सुगम बनाने और रहन-सहन आसान बनाने की दिशा में सुधार के लिए डिजिटल तकनीक के उपयोग अन्य देशों के लिए अनुकरण के उदाहरण बन सकते हैं। उन्होंने महिला सशक्तिकरण, महिलाओं के नेतृत्व में विकास और जन-धन खातों के माध्यम से वित्तीय समावेश की भारत की उपलब्धियों का भी जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जी-20 अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का प्रमुख मंच है। यह वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार के 75 से अधिक और 66 प्रतिशत से अधिक विश्व जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के वर्ष के दौरान जी-20 की अध्यक्षता प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व का विषय है। श्री मोदी ने कहा कि यह सम्मेलन केवल कूटनीतिक बैठक नहीं है। भारत इसे नई जिम्मेदारी के रूप में देखता है और चाहता है कि विश्व का इसमें विश्वास बढे। भारत का यह प्रयास है कि पूरा विश्व एक ऐसा होना चाहिए जहां कोई दूसरी या तीसरी दुनिया नहीं हो। श्री मोदी ने कहा कि भारत का दृष्टिकोण और साझा उद्देश्य बेहतर भविष्य के लिए समूचे विश्व को एकजुट करना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जी-20 की भारत की अध्यक्षता के दौरान इससे जुड़े कार्यक्रम केवल केन्द्र सरकार के नहीं होंगे। इसलिए उन्होंने राज्य सरकारों के साथ-साथ सभी राजनीतिक दलों से भी इस प्रयास में सक्रिय रूप से सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम भारतीय लोग आयोजित कर रहे हैं और यह अतिथियों को भगवान मानने की अपनी परम्परा को दिखाने का सुनहरी अवसर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जी-20 सम्मेलन से संबंधित आयोजन दिल्ली या कुछ स्थानों तक सीमित नहीं होंगे बल्कि यह कार्यक्रम देश के कोने-कोने में आयोजित किए जायेंगे।
श्री मोदी ने कहा कि वन अर्थ वन हेल्थ के मंत्र के साथ भारत ने सबको स्वस्थ बनाने के लिए प्रयास किया। भारत ने डिजिटल तकनीक का उपयोग भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए किया और सतत विकास को जीवन का अंग बनाया। उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव ने कर्तव्यबोध का अनूठा अवसर उपलब्ध कराया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सबको पर्यावरण को अपनी जिम्मेदारी बनाना होगा।
प्रधानमंत्री ने सभी से जी-20 संबंधी वेबसाइट पर सुझाव देने का आग्रह किया ताकि इस आयोजन को खास और यादगार बनाया जा सके।
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