रायपुर, 08 मई। सेल- बीएसपी (भिलाई स्टील प्लांट) की कार्मिक व अनुभवी पर्वतारोही श्रीमति सविता धापवाल, जिसने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह किया है, महिला टीम के अन्य सदस्यों के साथ फिट@50+ महिला ट्रांस हिमालयन अभियान 2022 का आनंद ले रही है। टीम का नेतृत्व माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली भारत की पहली महिला सुश्री बछेंद्री पाल द्वारा किया जा रहा है। यह अभियान टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन (टीएसएएफ) द्वारा फिट इंडिया मूवमेंट के साथ हाथ मिलाकर प्रारंभ किया गया है।
वर्तमान में श्रीमति सविता धापवाल काठमांडू, नेपाल में हैं। श्रीमती धापवाल, टीम के अन्य सदस्यों के साथ एक दिन में औसतन 30 किलोमीटर की दूरी तय कर रही हैं। वे प्रतिदिन लगभग 10 घंटे ट्रेकिंग करती हैं। टीम हिमालय के पूर्व से पश्चिम तक, अरुणाचल से काराकोरम रेंज तक की लगभग 4,977 किलोमीटर की यात्रा कर रही है।
अपनी यात्रा का अनुभव साझा करते हुए श्रीमती धापवाल बताती है कि पहाड़ों पर बिखरी प्रकृति की सुंदरता को नजदीक से देखने का मौका मिला है। धूप को चूमते पहाड़ों, सुरम्य वादियों ने यात्रा का रोमांच और बढ़ा दिया है। विशेष रूप से ओलावृष्टि ने यात्रा में चुनौतियां खड़ी की परन्तु हमारी टीम ने अदम्य साहस दिखाते हुए इन चुनौतियों पर विजय पायी है। यह यात्रा बेहद रोमांचक होने के साथ ही पहाड़ों की ऊँचाई छूने की तमन्ना को पूर्ण कर रहा है।
इस अभियान में शामिल 12-सदस्यीय महिला टीम, जिनकी आयु 50 वर्ष से भी अधिक है, शायद इसी रोमांच की तलाश कर रही थी। सेल-भिलाई के इंग्लिश मीडियम मिडिल स्कूल, सेक्टर-6 की लेक्चरर श्रीमती धापवाल कहती हैं कि मेरे लिए यह एक ऐसा अवसर है जिसकी मुझे तलाश थी। उनके पति, श्री एचएस धापवाल हाल ही में भिलाई इस्पात संयंत्र के टी एंड डी विभाग से सेवानिवृत्त हुए हैं।
विदित हो कि भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता और ईडी (पी एंड ए) के के सिंह ने भिलाई में 22 फरवरी 2022 को श्रीमती धापवाल से मुलाकात की और टीम में शामिल होने के लिए भिलाई से रवाना होने से पहले उनको शुभकामनाएं दी। सेल की अध्यक्ष श्रीमती सोमा मंडल ने भी नई दिल्ली में टीम के सभी सदस्यों से मुलाकात की। अभियान 8 मार्च 2022 को शुरू हुआ। टीम के प्रत्येक सदस्यों को सेल-बीएसपी द्वारा ट्रैकसूट प्रदान किया गया।
श्रीमती धापवाल बताती हैं कि उन्होंने जब असम के डिब्रुगढ़ में 100 किलोमीटर के माइलस्टोन को पार किया, वहां भारतीय सेना के विशेष योद्धाओं ने उनकी मेजबानी की। सेना ने विभिन्न स्थानों पर ट्रेकिंग के लिए स्थानों की उचित रेकी की और ट्रेकर्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उपयुक्त बदलाव का सुझाव दिया। सेना ने अलग-अलग जगहों पर रहने-खाने की भी व्यवस्था की।
श्रीमती धापवाल सेना, एनसीसी कैडेटों, स्कूलों और स्थानीय लोगों द्वारा सम्मानित किए जाने पर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं। मेनोका में चाय चखने से लेकर स्थानीय आतिथ्य सत्कार तक, उनके प्रायोजकों द्वारा दिए गए तैयार भोजन, स्कूलों में नाइट हॉल्ट के रूप में रहने से लेकर सर्किट हाउसों में ठहरना, दुर्गम क्षेत्रों, जंगलों और सैन्य क्षेत्रों में सेना के जवानो का साथ देना इस अभियान की यात्रा को रोमांचक और सुखद बना रहा है।
वह कहती हैं कि रास्ते में मिलने वाले लोगों द्वारा दिए गए प्रोत्साहन और प्रेरणा से हमारी गति को बनाए रखने में मदद मिलती है। जबकि ट्रेक हमारी मानसिक और शारीरिक शक्ति का परीक्षण करता है, पहाड़ों का मनमोहक दृश्य हमारे हौसले को बुलंद रखता है और हमें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता है। टीम गेम्स और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज हमें आगे ट्रेक के लिए फिट रखने में मदद करती हैं।
यह अभियान ट्रेक के माध्यम से अपनी गति को जारी रखने के लिए धैर्य, समर्पण, उच्च ऊर्जा, दृढ़ता, अनुकूलन, आराम, पुनरावृत्ति, पुनर्प्राप्ति का एक संयोजन है। 50 वर्ष से अधिक आयु की सभी महिलाओं जिसमें कुछ तो 70 वर्ष से भी अधिक की है, इनकी कभी न हारने वाली भावना देखते ही बनती है। टीम के सभी सदस्य अपने 5 महीने के लंबे अभियान को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो सराहनीय है।
इस अभियान और फिटनेस पार्टनर के रूप में टाटा मोटर्स और टाटा स्पोर्ट्स क्लब तथा भारतीय सेना द्वारा समर्थित, फिट@50+ महिला ट्रांस हिमालयन अभियान फिट इंडिया बैनर के तहत युवा मामले और खेल मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। इस सम्पूर्ण अभियान को आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में समर्पित किया गया है।
टीम के सदस्यों को पूरे भारत से लिया गया है जिसमें सेवानिवृत्त पेशेवर और गृहिणी शामिल हैं। 12 सदस्यीय टीम में तीन महिला एवरेस्ट विजेता भी शामिल हैं। 5 महीने लंबा फिट@50+ महिला ट्रांस हिमालयन अभियान 8 मार्च 2022 को अरुणाचल प्रदेश से शुरू किया गया है जो लगभग 37 पहाड़ी दर्रों से होते हुए गुजरेगा। यह अभियान अरूणाचल प्रदेश से प्रारंभ होकर असम, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, नेपाल, उत्तराखण्ड, हिमाचल और लेह-लद्दाख होते हुए 16,608 फीट ऊंचाई पर स्थित कारगिल के टाईगर हिल में समाप्त होगा।
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