Corona Virus को लेकर कई तरह की बातें सुनने और पढ़ने को मिल रही हैं। जो डर के साथ ही उलझन भी बढ़ा रही हैं। इसलिए हम आपके लिए लाए हैं उन दर्जनभर बातों का सच, जो कोरोना के मामले में फिट नहीं बैठती हैं…
मास्क लगाकर कोरोना से बचा जा सकता है
मिथ 1- मास्क कोरोना से बचा सकता है।
फैक्ट- कोई भी सर्जिकल मास्क इस तरह डिजाइन नहीं किया गया है कि वह वायरल पार्टिकल्स को ब्लॉक कर सके। लेकिन ये इंफेक्टेड व्यक्ति को वायरस फैलाने से रोकने में मदद कर सकता है। क्योंकि यह रेस्पिरेट्री ड्रॉपलेट्स ( सांस लेने और छींकने के दौरान निकलने वाली महीन बूंदें, जिनमें वायरस होते हैं।) को फैलने से रोकता है।
साबुन नहीं सेनिटाइजर है बेहतर
मिथ 2- साबुन से हाथ थोने की तुलना में हैंड सेनिटाइजर अधिक प्रभावी हैं, इस बीमारी को रोकने में।
फैक्ट- साबुन से हाथ धोने के दौरान ना केवल वायरस मर जाता है बल्कि वह धुल भी जाता है। खासतौर पर जब आपके हाथों पर डस्ट लगी हो तो हैंड-सेनिटाइजर की जगह साबुन का उपयोग ही बेहतर रहता है।
मच्छर-मक्खी और कोरोना
मिथ 3- मच्छर भी हो सकता है कोरोना फैलने की वजह।
फैक्ट- अभी तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है, जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि मच्छर और मक्खी भी कोरोना वायरस के फैलाने में जिम्मेदार हो सकते हैं।
विटमिन-सी खाने से कोरोना नहीं होता
मिथ 4- विटमिन-C लेने से कोरोना नहीं होता।
फैक्ट- विटमिन-C हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और वायरस किल करने में हमारे इम्यून सिस्टम की मदद करता है। लेकिन एक्सपर्ट्स को ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है कि विटमिन-C लेने से व्यक्ति कोविड-19 इंफेक्शन से पीड़ित नहीं होता। यही बात ग्रीन-टी और जिंक पर भी लागू होती है।
गौमूत्र के जरिए कोरोना से बचा जा सकता है
मिथ 5- गौमूत्र से कोरोना को रोका जा सकता है।
फैक्ट- भारतीय वायरॉलजिकल सोसायटी के हिसाब से गौमूत्र को ऐंटिवायरल माना जा सके, इसे लेकर अभी तक कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है।
ये हर्ब्स कोरोना होने से रोकती हैं
मिथ 6- गिलोय, हल्दी और तुलसी से तैयार सेनिटाइजर से कोरोना को रोका जा सकता है।
फैक्ट- वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के हिसाब से एल्कोहल बेस्ड हैंडसेनिटाइजर ही कोरोना वायरस को मारने में प्रभावी हैं। जबकि गिलोय, हल्दी और तुलसी को लेकर इस बारे में अभी कोई पुष्टि नहीं हुई है।
हर्बल टी कोरोना से बचा सकती है
मिथ 7- चाय पीने से कोरोना नहीं होता।
फैक्ट- यह बात सच है कि चाय के अंदर मिथाइल जेंथीन्स (Methyl Xanthines)होते हैं, जो वायरस के प्रभाव को कम करते हैं। लेकिन कोरोना वायरस के केस में इस बात की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है कि यह चाय पीने से खत्म हो जाता है।
नॉनवेज खाने से कोरोना होता है
मिथ 8 – नॉनवेज खाने से कोरोना हो सकता है।
फैक्ट- इस बात की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है कि फिश, चिकन या एग खाने से कोरोना हो सकता है। हालांकि इन चीजों से हमारे शरीर को प्रोटीन की प्राप्ति होती है।
कोरोना बच्चों को नहीं होता है
मिथ 9 – बच्चों में यह बीमारी नहीं होती है।
फैक्ट- अब तक प्राप्त डेटा के अनुसार बच्चों में इस बीमारी का इंफेक्शन कम हुआ है लेकिन इसकी वजह से हम यह नहीं कह सकते कि ये बीमारी बच्चों में नहीं होती है। बल्कि बच्चों में इसके ना होने की वजह बड़ों की तुलना में बच्चों में इसका एक्सपोजर कम होना हो सकता है।
पालतू जानवरों से कोरोना हो सकता है
मिथ 10- पेट्स भी कोरोना फैला सकते हैं।
फैक्ट- इस बात की अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है कि कुत्ते और बिल्ली भी कोरोना से इंफेक्ट हो सकते हैं। हालांकि हमें अभी अपनी सेफ्टी के तौर पर अपने पेट्स को छूने के बाद हाथ जरूर धो लेने चाहिए।
गरारे करने से कोरोना नहीं होता
मिथ 11- गरारे ( Gargling) और माउथवॉश से कोरोना नहीं होता।
फैक्ट- सायंटिस्ट्स को अभी तक ऐसा कोई ठोस आधार नहीं मिला है, जिसे देखते हुए यह कहा जा सके कि नमक या बीटाडिन के गरारे करने और माउथवॉश यूज करने से कोरोना का संक्रमण नहीं होता। लेकिन ये दूसरे माइक्रोब्स को मारने में सहायक हो सकते हैं।
युवाओं को कोरोना से डरने की जरूरत नहीं
मिथ 12- यह सिर्फ बच्चों और बूढ़ों के लिए ही जानलेवा बीमारी है।
फैक्ट- कोरोना हर उम्र के लोगों को संक्रमित करता है। लेकिन बूढ़े या फिर किसी दूसरी घातक बीमारी से जूझ रहे लोगों में जैसे कि अस्थमा, डायबीटीज, ब्लड प्रेशर आदि होने पर जान का खतरा अधिक होता है।
क्यों करें इन फैक्ट्स पर भरोसा?
न्यूज सोर्स: यहां एक्सप्लेन किए गए फैक्ट्स वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) और The Johns Hopkins University द्वारा जारी किए गए शोध पत्र और स्टडीज से लिए गए हैं, जिनमें एक्सपर्ट्स द्वारा कोरोना वायरस पर की जा रही लगातार रिसर्च में सामने आनेवाली नई-नई जानकारियों को साझा किया जा रहा है।
source : NBT