न्यूयॉर्क। दुनिया के कई देश मंगल पर जीवन तलाशने की कोशिशों में जुटे हैं। इस समय पूरी दुनिया में मंगल मिशन की होड़ लगी हुई है। इस बीच अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी(NASA) आज अपना एक मंगल मिशन लांच करने जा रही है। इसके तहत पहली बार वह मंगल ग्रह पर रोवर(Rover) के साथ हेलिकॉप्टर भेजने जा रही है। इस अंतरिक्ष मिशन की खासियत ये होगी कि इसमें एक रोवर(Rover) होगा और दूसरा एक ड्रोन हेलिकॉप्टर(Drone Helicoptor)। रोवर जहां मंगल की सतह पर चलेगा तो ड्रोन हेलिकॉप्टर हवा में उड़कर डाटा इकट्ठा करेगा।
The @ulalaunch #AtlasV rocket carrying @NASAPersevere is seen illuminated by spotlights at Space Launch Complex 41. Launch slated for Thursday July 30 at 7:50 a.m. EDT. #CountdownToMars More 📷- https://t.co/1C6QkuRetg pic.twitter.com/sRgsiEDfhn
— NASA HQ PHOTO (@nasahqphoto) July 30, 2020
जानकारी के मुताबिक, नासा मंगल ग्रह पर संभावित संभावित पिछले जीवन के निशान खोजने के लिए गुरुवार को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल से अपना मंगल मिशन लांच करेगा। नासा आज अपनी अगली पीढ़ी के मंगल रोवर के साथ ड्रोन हेलिकॉप्टर भी साथ भेजेगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी(नासा) का 2.4 अरब डॉलर का ये मिशन अमेरिकी समयानुसार सुबह 7:50 बजे लांच करने के लिए निर्धारित है और इसके अगले साल फरवरी में मंगल ग्रह पर पहुंचने की उम्मीद है।
The first interplanetary helicopter, Ingenuity, is ready for liftoff on a 7-month voyage to Mars.
Read more about the aeronautical innovators at @NASAJPL & @NASAAmes who worked together to prepare for @NASAPersevere's #CountdownToMars: https://t.co/eTtcX9Ao01 pic.twitter.com/X83dI03G0W
— NASA (@NASA) July 30, 2020
कार के आकार का छह पहियों वाला रोबोटिक रोवर, जो बोइंग-लॉकहीड के संयुक्त उद्यम यूनाइटेड लांच अलायंस से एटलस 5 रॉकेट को लांच करेगा, जो मंगल ग्रह पर एक मिनी हेलीकॉप्टर को तैनात करने और भविष्य के मानव मिशन के लिए चौथे उपकरण का परीक्षण करने के लिए निर्धारित है।नासा(NASA) के इस मंगल मिशन का नाम मार्स रोवर परसिवरेंस(Mars rover Perseverance) है।परसिवरेंस मार्स रोवर 1000 किलोग्राम वजनी है जबकि, हेलिकॉप्टर का वजन 2 किलोग्राम है।
मार्स रोवर परसिवरेंस(Perseverance Mars Rover) और इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर(Ingenuity Helicopter) मंगल ग्रह पर कार्बन डाई ऑक्साइड से ऑक्सीजन बनाने का काम करेंगे। इसके अलावा वह ग्रह पर मौसम का अध्ययन करेंगे ताकि भविष्य में मंगल पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को आसानी हो सके।
बीते 11 दिन में यह तीसरा मिशन होने वाला है। इसी महीने संयुक्त अरब अमीरात(UAE) और चीन(China) ने मंगल ग्रह पर अपने स्वयं के तकनीकी कौशल और महत्वाकांक्षा के प्रदर्शन के लिए अलग-अलग जांच शुरू की है।
Source : Dainik Jagran