राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग विधेयक 2023 को संसद की मंजूरी मिल गई है। विधेयक आज राज्यसभा में पारित हो गया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है। विधेयक में नर्सिंग और मिडवाइफरी पेशेवरों द्वारा शिक्षा और सेवाओं के मानकों के विनियमन और रखरखाव का प्रावधान किया गया है।

विधेयक में राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग के गठन का प्रावधान है। इसमें 29 सदस्य होंगे। विधेयक के अनुसार, प्रत्येक राज्य सरकार को एक राज्य नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग का गठन करना होगा, जहां राज्य कानून के तहत ऐसा कोई आयोग मौजूद नहीं है। केंद्र सरकार नर्सिंग और मिडवाइफरी सलाहकार परिषद की भी स्थापना करेगी। इस परिषद के अध्यक्ष राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्ष होंगे।

संसद ने राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक, 2023 भी पारित कर दिया। विधेयक का उद्देश्य देश में दंत चिकित्सा के पेशे को नियमित कर गुणवत्तापूर्ण और किफायती दंत चिकित्सा शिक्षा प्रदान करना है। यह विधेयक दंत चिकित्सक अधिनियम, 1948 को निरस्त करने के लिए लाया गया। इसमें दंत चिकित्सा शिक्षा और दंत चिकित्सा के मानकों को विनियमित करने के लिए राष्ट्रीय दंत आयोग, दंत सलाहकार परिषद और तीन स्वायत्त बोर्डों के गठन का प्रावधान है।

दोनों विधेयकों पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा, सरकार चिकित्सा क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए समग्र दृष्टिकोण के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा, देश में एमबीबीएस पाठ्यक्रम सीटों की संख्या एक लाख सात हजार से अधिक हो गई है।2014 से पहले इसकी 54 हजार सीटें थीं। मंत्री ने कहा, मेडिकल कॉलेजों की संख्‍या भी 350 से बढ़कर 704 हो गई है।

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