नई दिल्ली, 08 सितम्बर। जबलुपर हाईकोर्ट ने कोयला कामगारों के 11वें वेतन समझौते यानी एनसीडल्यूए- XI (NCWA- XI) को लागू करने के अनुमोदन (22 जून, 2023) को रद्द करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के जज मनिंदर भट्टी ने लोक उद्यम विभाग (DPE) से पूछा है कि इस संदर्भ में उसके दिशा- निर्देशों का उल्लंघन हुआ है या नहीं। इसका जवाब देने के लिए 60 दिनों का वक्त दिया गया है।
60 दिनों के भीतर डीपीई को बताना होगा कि कोयला कामगारों के 11वें वेतन समझौते को लागू करने में उसके कार्यालय ज्ञापन दिनांक 24/11/2017 में निहित प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है या नहीं। यदि डीपीई का कहता है कि उल्लंघन हुआ है तो कोर्ट वेतन समझौते को रद्द कर सकता है। अन्यथा डीपीई को बताना होगा की उल्लंघन नहीं हुआ अथवा यह जानकारी देनी होगी कि गाइडलाइन शिथिल की गई है। 11वें वेतन समझौते के तहत कामगारों को 19 फीसदी एमजीबी का लाभ देने से वेतन ओवरलैपिंग की स्थिति निर्मित हो रही है। इसको लेकर कनिष्ठ कोयला अधिकारियों ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
पूर्व चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने कोयला कामगारों को 19 फीसदी MGB का लाभ देने संबंधी आदेश जारी करवा दिया था। कोयला कामगारों सितम्बर में अगस्त माह का बढ़ा हुआ वेतन भी प्राप्त हो चुका है। 23 माह का बकाया एरियर का भुगतान भी किया जा चुका है।
यहां बताना होगा प्रारंभ से ही कोयला कामगारों के 11वें वेतन समझौते में डीपीई एक बड़ा मुद्दा रहा है। industrialpunch.com द्वारा डे- वन (Day One) से इस मुद्दे को उठाया जा रहा है। हालांकि डीपीई से स्वीकृति लिए अथवा गाइडलाइन को शिथिल किए बगैर 19 फीसदी एमजीबी लागू करने का आदेश दबाव बनाकर जारी करवा दिया गया। जबकि कोल अफसरों के संगठन लगातार वेतन विसंगति को लेकर पत्राचार कर रहे थे। वेतन विवाद को लेकर जूनियर अधिकारियों ने हाईकोर्ट में दस्तक दी।
Jabalpur HighCourt Order, NCWA- XI, WP_14830_2023