राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग- एनएचआरसी ने दिल्ली में अनियोजित विकास और लापरवाही के कारण समाप्त हो रहे जल क्षेत्रों संबंधी मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है।
इस मामले में आयोग ने दिल्ली सरकार और दिल्ली विकास प्राधिकरण को नोटिस जारी किए हैं। एनएचआरसी ने छह सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
आयोग ने यह भी कहा है कि पर्यावरण के ऐसे महत्वपूर्ण घटकों की रक्षा के लिए कानून और दिशा-निर्देश मौजूद है। ऐसे में अधिकारियों की तथाकथित लापरवाही मानवाधिकार उल्लंघन के समान है।
आयोग ने कहा कि जल क्षेत्र और आर्द्र भू क्षेत्र की पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि यह जैव विविधता का आधार हैं।
आयोग ने बताया कि आर्द्र भू क्षेत्रों के संरक्षण और प्रबंधन के लिए दिल्ली के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 23 अप्रैल 2019 को वेटलैण्ड एथोरिटी का गठन किया गया था।
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