नई दिल्ली (IP News). सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनएमडीसी की छत्तीसगढ़ में स्थित इकाई नगरनार स्टील प्लांट को अलग कंपनी बनाए जाने की मंजूरी दे दी गई है। स्टॉक एक्सचेंज को की गई फाइलिंग में बताया गया कि मंगलवार, 13 जुलाई, 2021 को राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (NMDC) के निदेशक मंडल ने डी-मर्जर की स्वीकृति प्रदान की। इसके साथ की नगरनार स्टील प्लांट के विनिवेश का रास्ता खुल गया है।
यहां बताना होगा कि छत्तीसगढ़ सरकार नगरनार स्टील प्लांट को अलग कंपनी बनाने की मुखालफत की थी। दिसम्बर, 2020 में विधानसभा में सर्वसम्मति से संकल्प पारित किया गया था कि यदि नगरनार स्टील प्लांट का विनिवेश किया जाता है तब इसे छत्तीसगढ़ सरकार इसे खरीदने के लिए तैयार रहेगी। इस संकल्प का विपक्षी दल भाजपा ने भी समर्थन किया था।
केंद्र के आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने वर्ष 2016 में नगरनार इस्पात संयंत्र के विनिवेश को मंजूरी दी थी। जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा था कि अगर विनिवेश किया गया तब नक्सल गतिविधियों को नियंत्रित करना मुश्किल होगा।
नगरनार स्टील प्लांट की क्षमता 30 लाख टन सालाना है। इस एकीकृत इस्पात संयंत्र की स्थापना देश की सबसे बड़ी लौह अयस्क खनन कंपनी एनएमडीसी ने छत्तीसगढ़ में बस्तर जिले के नगरनार में की है। संयंत्र की स्थापना 1,980 एकड़ से अधिक क्षेत्र में 23,140 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमानित निवेश से किया गया है।
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