उत्तर प्रदेश में तीसरे चरण और पंजाब के एक ही चरण में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया कल अधिसूचना जारी होने के साथ शुरू हो जाएगी। उत्तर प्रदेश में सात चरणों में 10 फरवरी से 7 मार्च तक मतदान होगा।
उत्तर प्रदेश में तीसरे चरण का मतदान 20 फरवरी को 16 जिलों के 59 विधानसभा क्षेत्रों में होगा। इसमें अनुसूचित जाति के लिए 15 सीटें सुरक्षित हैं। ये जिले हैं- हाथरस, कांशीराम नगर (कासगंज), एटा, मैनपुरी, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी और ललितपुर जिले शामिल हैं। इसके अलावा पंजाब में एक ही चरण में मतदान कराया जाएगा। इस चरण में राज्य की सभी 117 विधानसभा सीटों पर एक साथ चुनाव कराए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश के तीसरे चरण और पंजाब के एक ही चरण के लिए पहली फरवरी तक नामांकन दाखिल किए जा सकते हैं। 2 फरवरी को पर्चों की जांच की जाएगी। 4 फरवरी तक नाम वापस लिए जा सकते हैं। तीसरे चरण के दौरान कुल 2 करोड़ 15 लाख 75 हजार चार सौ 30 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। इनमें 1 करोड़ 16 लाख 12 हजार दस पुरुष जबकि 99 लाख 62 हजार तीन सौ 24 महिला तथा एक हजार 96 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं।
पंजाब में कुल 2 करोड़ 13 लाख 88 हजार सात सौ 64 मतदाता हैं, इनमें 2 करोड़ 12 लाख 75 हजार 66 सामान्य और 1 करोड़ 13 लाख छह सौ 98 सैन्य कर्मी शामिल हैं। दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 1 लाख 44 हजार छह सौ 67 है। कुल मतदाताओं में 1 करोड़ 11 लाख 87 हजार आठ सौ 57 पुरुष, 1 करोड़ 86 हजार पांच सौ 14 महिला और छह सौ 95 ट्रांसजेंडर हैं। 117 सदस्यों वाली पंजाब विधानसभा में 34 सीटें अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित हैं।
इस बीच, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 27 जनवरी तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। इस चरण में अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित नौ सहित 58 विधानसभा सीटों पर 10 फरवरी को मतदान होगा। ये निर्वाचन क्षेत्र ग्यारह जिलों शामली (प्रबुद्ध नगर), मेरठ, हापुड़ (पंचशील नगर), मुजफ्फरनगर, बागपत, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़, आगरा, गौतम बुद्ध नगर और मथुरा में हैं।
राज्य में दूसरे चरण का मतदान 14 फरवरी को नौ जिलों के 55 विधानसभा क्षेत्रों में होगा। इसमें नौ सीटें अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित हैं। इनमें सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा (जेपी नगर), मुरादाबाद, बरेली, रामपुर, संभल (भीम नगर), बदायूं और शाहजहांपुर जिले शामिल हैं। इसके साथ ही दो राज्यों गोवा और उत्तराखंड में भी चुनाव हो रहे हैं। गोवा की चालीस और उत्तराखंड की 70 सीटों के लिए एक ही चरण में मतदान होगा।
उत्त्र प्रदेश के दूसरे चरण और गोवा तथा उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए 28 जनवरी तक नामांकन दाखिल किए जा सकते हैं। 29 जनवरी को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। 31 जनवरी तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण में कुल 2 करोड़ एक लाख 42 हजार चार सौ 41 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। इनमें 1 करोड़ सात लाख 61 हजार चार सौ 76 पुरुष जबकि 93 लाख 79 हजार सात सौ चार महिला और एक हजार दो सौ 61 ट्रांसजेंडर हैं।
गोवा में कुल 11 लाख 56 हजार सात सौ 62 मतदाता हैं इनमें 11 लाख 56 हजार चार सौ 64 सामान्य और दो सौ 98 सैन्य कर्मी हैं। 9 हजार छह सौ 43 दिव्यांग मतदाता भी हैं। कुल मतदाताओं में 5 लाख 62 हजार पांच सौ पुरुष, 5 लाख 93 हजार 960 महिला और चार ट्रांसजेंडर मतदाता हैं। 40 सदस्यों वाली राज्य विधानसभा में एक सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है।
उत्तराखंड में कुल 82 लाख 38 हजार 187 मतदाता हैं। इनमें 81 लाख 43 हजार 922 सामान्य और 94 हजार 265 सैन्य कर्मी मतदाता हैं। इसके साथ ही 68 हजार 478 दिव्यांग मतदाता हैं। 70 सदस्यों वाली राज्य विधानसभा में 13 सीटें अनुसूचित जाति और दो सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित हैं।
कोविड महामारी और ओमीक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए निर्वाचन आयोग सुरक्षित चुनाव करवाने पर ध्यान दे रहा है।
आयोग ने इस महीने की 31 तारीख तक रैलियों और रोड शो पर प्रतिबंध बढ़ा दिया है। चुनाव वाले पांच राज्यों में कोविड की स्थिति की समीक्षा करने के बाद आयोग ने फैसला किया कि इस महीने के अंत तक किसी भी रोड शो, पदयात्रा, साइकिल या बाइक या वाहन रैली और जुलूस की अनुमति नहीं दी जाएगी। आयोग ने कहा है कि पहले चरण में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को इस महीने की 27 तारीख को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि संबंधित राजनीतिक दलों या चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की अधिकतम पांच सौ लोगों का एक स्थान पर एकत्रित होने और हॉल में बैठने की पचास प्रतिशत क्षमता सीमित कर दी गई है।
चुनाव के सुचारू संचालन के लिए 8 जनवरी को जारी संशोधित दिशा-निर्देश तथा शेष सभी प्रतिबंध लागू रहेंगे।
राजनीतिक दलों को सलाह दी गई है कि वे ज्यादा से ज्यादा डिजिटल माध्यम से चुनाव प्रचार करें। उम्मीदवारों द्वारा घर-घर प्रचार के लिए अधिकतम दस व्यक्तियों को अनुमति दी जाएगी। यदि कोई उम्मीदवार या राजनीतिक दल किसी भी दिशा-निर्देश का उल्लंघन करता है, तो संबंधित उम्मीदवार या पार्टी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आयोग पहले ही इन चुनावों के दौरान दूरदर्शन और आकाशवाणी पर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को आवंटित प्रसारण समय में वृद्धि की घोषणा कर चुका है।
इस बीच, पहले दो चरणों के चुनाव के लिए प्रचार अभियान में तेजी आ गई है और स्टार प्रचारक तथा विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता घर-घर जाकर प्रचार करने के साथ-साथ मतदाताओं से अपील करने में व्यस्त हैं। अन्य चुनावी राज्यों में राजनीतिक गतिविधियां पहले ही शुरू हो चुकी है। बडी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता चुनाव में अपनी उम्मीदवारी को लेकर दलों और पार्टियों के कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं।
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