कोरबा, 04 अगस्त। एनटीपीसी जैसे सार्वजनिक उपक्रम के चिकित्सालय भी मरीजों के बीच भेदभाव कर रहे हैं। एनटीपीसी, कोरबा के विभागीय अस्पताल में यह देखने को मिला है।
2600 मेगावाट क्षमता वाले एनटीपीसी, कोरबा का चिकित्सालय आवासीय परिसर में स्थित है। इस अस्पताल में एनटीपीसी के कर्मचारियों व उनके परिवार को स्वास्थ्य सुविधा मिलती है।
साथ ही नॉन एम्प्लाइज यानी बाहरी व्यक्ति भी निर्धारित शुल्क जमा कर स्वास्थ्य लाभ ले सकता है, लेकिन इस मामले में एनटीपीसी अस्पताल प्रबंधन भेदभाव की नीति अपना रहा है।
देखने में आया है कि अस्पताल में पदस्थ चिकित्सकों द्वारा एनटीपीसी एम्प्लाइज को ही पहली प्राथमिकता दी जाती है। ओपीडी में डाक्टर द्वारा मरीजों को उनके पहुंचने के क्रम से नहीं देखा जाता है। नॉन एम्प्लाइज मरीज शुल्क देने के बाद प्रिस्क्रिपशन लेकर लंबे समय तक इंतजार करते हैं। नॉन एम्प्लाइज मरीज के बाद पहुंचने वाले एनटीपीसी मरीजों को पहले देखा जाता है। नॉन एम्प्लाइज मरीज गंभीर हालात में हो तब भी यही रवैया अपनाया जाता है।
ओपीडी में ही नहीं एक्सरे, लैब इत्यादि जांच के दौरान भी भेदभाव की नीति अपनायी जा रही है। चिकित्सकों का कहना होता है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी के आदेश पर ऐसा किया जा रहा है।
इस संदर्भ में अधिकृत वक्तव्य के लिए एनटीपीसी कोरबा की कॉरपोरेट कम्यूनिकेशन विभाग की एग्जीक्यूटिव उष्मा घोष को व्हाट्सऐप पर मैसेज किया गया, ऑफिशियल स्टेटमेंट जारी करने की बात लिखी गई। 5 घण्टे इंतजार करने के बाद भी अधिकृत वक्तव्य जारी नहीं किया गया।