नई दिल्ली, 01 नवंबर, 2022: उपभोक्ता साइबर सुरक्षा के मोर्चे पर ग्लोबल लीडर नॉर्टन (Norton) ने अगस्त 2022 में संपन्न एक ऑनलाइन सर्वे के भारतीय नतीजों का आज खुलासा किया। यह सर्वे नॉर्टनलाइफ लॉक की ओर से द हैरिस पोल ने 18+ आयुवर्ग के 1001 भारतीय वयस्कों पर करवाया था जिसमें त्योहारी सीज़न के दौरान साइबर सुरक्षा और ऑनलाइन शॉपिंग संबंधी उनके रुझानों को टटोला गया। इस रिपोर्ट ने अपनी निजी सूचनाओं को ऑनलाइन साझा करने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के महत्व को उजागर किया है। सर्वे के नतीजों से यह सामने आया है कि 2022 के त्योहारी सीज़न के दौरान खरीदारी की योजना बनाने वाले सभी (100%) लोगों ने ऑनलाइन ऐसा करने का मन बनाया है, जबकि 61% ने कहा कि वे अपनी आधे से ज्यादा त्योहारी शॉपिंग ऑनलाइन करने की उम्मीद रखते हैं।
त्योहारी सीज़न ही वह समय होता है जब बहुत से लोग अपने परिवारों और दोस्तों के लिए उपहार आदि खरीदते हैं। सर्वे में शामिल भारतीय वयस्कों ने इस बार हॉलीडे सीज़न में, टैक-आधारित गिफ्टस खरीदने की योजना बनायी है जिनमें स्मार्टफोन (64%), स्मार्ट वॉच (55%), और स्मार्ट होम डिवाइस (47%) सबसे मनपसंद उपहारों के तौर पर सामने आए हैं। हालांकि पिछले साल के मुकाबले बहुत कम वयस्कों (8%) ने कहा है कि वे मौजूदा त्योहारी सीज़न में अपेक्षाकृत कम टैक्नोलॉजी गिफ्टस खरीदना चाहते हैं, कम टैक गिफ्टस खरीदने के इच्छुक 5 में से 4 लोगों का कहना है कि इसका कारण जीवनयावन का बढ़ता खर्च और मुद्रास्फीति है। मुद्रास्फीति/जीवनयापन की अधिक लागत के मद्देनज़र, सर्वे में शामिल अधिकांश भारतीयों (91%) ने स्वीकार किया कि वे त्योहारी सीज़न में किसी न किसी तरह से खर्च में कटौती को उत्सुक हैं, जिसके तहत् कुछ प्रतिभागियों ने टैक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स पर आकर्षक डील की पेशकश (36%) या एनर्जी बिलों में कमी (29%) का झांसा देने वाले संदेहास्पद लिंक्स पर क्लिक करने की बात स्वीकार की है।
रितेश चोपड़ा, नॉर्टन डायरेक्टर इंडिया एवं सार्क देश, नॉर्टनलाइफलॉक ने कहा, ”तीज-त्योहार ऐसे अवसर होते हैं जब दोस्त और परिजन आपस में मिलते-जुलते हैं। हाल के दिनों में, ऑनलाइन शॉपर्स की संख्या बढ़ी है और इसके साथ ही, ऑनलाइन शॉपिंग स्कैम्स, गिफ्ट कार्ड और पोस्टर डिलीवरी में धोखाधड़ी के मामले भी बढ़े हैं। हमारी नॉर्टन रिपोर्ट से भी ये संकेत मिले हैं कि सर्वे में शामिल कई भारतीय वयस्क ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं और परिणामस्वरूप उन्होंने आर्थिक नुकसान उठाया है, सर्वे में शामिल लोगों का औसत नुकसान ₹6216 रहा है। हालांकि कई उपभोक्ता ऐसे हैं जो इस प्रकार के खतरों और जोखिमों को भली-भांति समझते हैं और वे अपनी ऑनलाइन सुरक्षा के लिए भरपूर सावधानी बरतते हैं, लेकिन फिर भी इस मामले में सुधार की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है।” उन्होंने कहा, ”नॉर्टन में हम लोगों के डेटा और डिवाइसों को सुरक्षित करने तथा ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान उनके सरोकारों को समझने के लिए हमेशा समर्पित हैं।”
सर्वे में शामिल दो-तिहाई भारतीय वयस्कों ने हॉलीडे सीज़न के दौरान ऑनलाइन शॉपिंग करते हुए निम्न मामले में चिंता महसूस की है:
- उनके व्यक्तिगत विवरण के साथ समझौता हुआ (78%)
- किसी तृतीय-पक्ष रिटेलर द्वारा धोखाधड़ी के शिकार बने (77%)
- अनजाने में नकली गिफ्ट प्राप्त किया (76%)
- किसी अन्य के लिए खरीदी डिवाइस डिजीटल रूप से असुरक्षित साबित हुई(75%)
- उनका हॉलीडे ट्रैवल या एकोमोडेशन किसी स्कैमर की वजह से तबाह हुआ (73%)
- गिफ्ट के रूप में रीफर्बिश्ड डिवाइस की खरीदारी या प्राप्त करना (72%)
- बतौर गिफ्ट प्राप्त हुई कोई डिवाइस हैक हो गई (69%)
त्योहारी सीज़न में बहुत से भारतीय वयस्कों के लिए ऑनलाइन समय बिताना मनबहलाव की तरह है। सर्वे में शामिल अधिकांश भारतीयों (78%) ने कहा कि वे अपने कनेक्टेड डिवाइसों से ऑनलाइन समय बिताते हैं जिससे उन्हें दूसरों के साथ संपर्क में रहने का अहसास बना रहता है, जबकि 74% ने कहा कि ऐसा करना उनके मानसिक स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छा है। 3 में से 2 भारतीय वयस्कों (65%) ने कहा कि यदि वे त्योहारी सीज़न में अपने कनेक्टेड डिवाइसों को एक्सेस नहीं कर सकेंगे तो उनके मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा।
इस अध्ययन से यह भी पता चला है कि 95% भारतीय मौजूदा त्योहारी सीज़न में अपने मानसिक स्वास्थ्य के लिए कम से कम एक उपाय (एक्शन) जरूर करने का इरादा रखते हैं, ज्यादातर आउटडोर अपना समय बिताते हैं (54), पुस्तकें पढ़ते हैं (50%), और/या सोशल मीडिया की मदद से दोस्तों/परिजनों के साथ संपर्क (50%) में रहते हैं।
2022 नॉर्टन साइबर सेफ्टी इन्साइट्स रिपोर्ट के बारे में: त्योहारी सीज़न में विशेष रूप से जारी
यह शोध द हैरिस पोल द्वारा नॉर्टनलाइफलॉक की ओर से भारत में ऑनलाइन करवाया गया जिसमें 18+ से अधिक उम्र के 1001 वयस्क शामिल थे। यह सर्वे 15 अगस्त से 1 सितंबर, 2022 के दौरान किया गया। इस डेटा को आयु, लिंग, क्षेत्र और शिक्षा के आधार पर किया गया ताकि आबादी में उनके वास्तविक अनुपात के समरूप इसे ढाला जा सके।
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