बिलासपुर (IP News). आरएसएस से सम्बद्ध भारतीय मजदूर संघ (BMS) के कोल प्रभारी के. लक्ष्मा रेड्डी ने भी बाबा रामदेव की तरह कोविड मरीजों का इलाज करने वाले चिकित्सकों को नकारा करार दिया है।
श्री रेड्डी ने कहा कि एलोपैथी में कोरोना का कोई इलाज नहीं है। न कोई इंजेक्शन है और न ही कोई दवा। एलोपैथी डाक्टर इलाज के नाम पर मरीजों पर केवल प्रयोग कर रहे हैं।
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बीएमएस के कोल प्रभारी मंगलवार, 10 अगस्त को छत्तीसगढ़ के एसईसीएल भटगांव क्षेत्र में भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ द्वारा आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
श्री रेड्डी ने आयुर्वेद और होम्योपैथी की हिमायत की। उन्होंने कहा कि बीएमएस ने कोल इंडिया और इसकी अनुषांगिक कंपनियों को पत्र लिखा था, इसमें आयुष मंत्रालय द्वार मंजूर की गई आयुर्वेद दवाओं का उपयोग करने कहा गया था। नाक में ड्रॉप के जरिए डाले जाने वाली दवा कोरोना के लिए कहीं अधिक कारगर है। मात्र डेढ़ सौ रुपए में यह दवा आती है।
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एसईसीएल के सीएमडी ने भी बीएमएस की इस मांग की अनदेखी की। एलोपैथी इलाज के लिए कंपनी ने करोड़ां रुपए बर्बाद कर दिए, फिर भी लोगों की जान नहीं बचाई जा सकी।
यहां बताना होगा कि योग गुरु स्वामी रामदेव ने भी इस तरह की बात कही थी। इसको लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने रामदेव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। मामला कोर्ट भी ले जाया गया।
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