उत्तराखंड में चार धाम यात्रा इस बार बेहद खास रहने वाली है। दरअसल इस बार यात्रियों की सुरक्षा दृष्टि से एक हाईटेक रिस्टबैंड दिया जा रहा है जो कि प्रत्येक यात्री के पल-पल के मूवमेंट पर नजर बनाए रखेगा।
साढ़े चार लाख यात्रियों ने कराया पंजीकरण
गौरतलब हो चारधाम यात्रा के लिए अभी तक करीब साढ़े चार लाख लोगों ने अपना पंजीकरण करा लिया है। वहीं गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट के पहले दिन गंगोत्री धाम में लगभग तीन हजार और यमुनोत्री धाम में लगभग सात हजार यात्री इस नई सुरक्षा व्यवस्था के बीच दर्शन का लाभ भी उठा चुके हैं। इसी बीच राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी ऑफलाइन पंजीकरण कराकर गंगोत्री धाम में पूजा अर्चना की।
सुरक्षा को लेकर उठाया कदम
जानकारी के मुताबिक पर्यटन विभाग ने इस बार चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऑफलाइन व ऑनलाइन पंजीकरण को अनिवार्य कर दिया है। यानि अब बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम की यात्रा करने के लिए तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं को पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा जिसके पश्चात वहीं तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए क्यूआर कोड की सुविधा वाला एक हाईटेक रिस्टबैंड दिया जाएगा।
इस सुविधा से न केवल यह पता लग सकेगा कि पंजीकरण करने वाले यात्री ने दर्शन किए हैं या नहीं बल्कि इसके अलावा तीर्थयात्रियों और उनके वाहनों को आसानी से ट्रैक भी किया जा सकेगा। जी हां, इस हाइटेक रिस्टबैंड के जरिए पर्यटन विभाग को यह पता रहेगा कि कौन सा यात्री कहां पर है। इससे चारधाम यात्रा को व्यवस्थित ढंग से संचालित करने में बेहद आसानी होगी।
श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान
इस प्रकार अब जाकर न केवल चारधाम यात्रा के लिए देश-दुनिया से आने वाले तीर्थयात्रियों का इंतजार खत्म हुआ है बल्कि नई सुविधाएं भी प्राप्त हुई है जो बेहद जरूरी भी है। वहीं चारधाम तीर्थयात्रियों का स्वागत करते हुए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि उत्तराखंड देवभूमि है, श्रद्धालुओं का अतिथि देवो भवः की परंपरा के अनुरूप राज्य में चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
ऑफलाइन मोड में भी सिस्टम करेगा काम
अभी तक करीब साढ़े चार लाख लोग अपना पंजीकरण करवा चुके हैं। ऐसे में नेटवर्क और सर्वर पर लोड काफी अधिक पड़ रहा है। इसलिए सिस्टम को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि ऑफलाइन होने की दशा में भी पंजीकरण निर्बाध रूप से चलता रहे। साथ ही ऑनलाइन होने पर डाटा खुद ही अपडेट हो जाता है। इस प्रकार पंजीकरण निर्बाध रूप से चल रहा है और लोड के अनुरूप गति पकड़ रहा है या डेटा स्थानीय प्रशासन को इस उद्देश्य के साथ प्रेषित किया जा रहा है ताकि यात्रा व्यवस्थित ढंग से संचालित हो सके और किसी अप्रिय घटना की शीघ्र जानकारी प्राप्त कर राहत बचाव की टीम को सूचित किया जा सकता है।
कैसे करें ऑनलाइन पंजीकरण ?
सबसे पहले आप चारधाम के सरकारी वेबसाइट पर जाए। स्वयं की जानकारी दर्ज कर अपना पंजीकरण करें। नाम और मोबाइल नंबर डाले। पासवर्ड सेट करें। साइन अप पर क्लिक करें। ओटीपी दर्ज करें। पंजीकरण होने के बाद पुनः मोबाइल नंबर, पासवर्ड और कैप्चा दर्ज कर साइन इन करें। प्रोफाइल खुलने पर डेशबोर्ड पर एड और मैनेज टूर पर क्लिक करें। जानकारी और अपने सहयात्रियों के नाम एड करें। इसके बाद क्यूआर कोड तैयार हो जाएगा। आप अपने पंजीयन प्रमाणपत्र की पीडीएफ फाइल डाउनलोड कर लें।
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