नई दिल्ली, 23 जून। गुरुवार को एनपीसीसी के सीएमडी गुरदीप सिंह ने कहा कि कोयला आधारित बिजली उत्पादन देश में विद्युत आपूर्ति की रीढ़ है और यह स्थिति अगले दो- तीन दशकों तक इसी तरह बनी रहने वाली है।
ब्लूमबर्ग एनईएफ शिखर सम्मेलन (BloombergNEF Summit) में चर्चा के दौरान गुरदीप सिंह सुझाव दिया कि स्वच्छ या गैर – जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भारत को कम लागत वाले वित्त पोषण पर जोर देने की जरूरत है।
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उन्होंने कहा कि कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्रों को चरणबद्ध तरीके से बंद करने की बात की जगह भारत को प्रेषण योग्य नवीकरणीय ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है ।
उन्होंने कहा कोयले के बारे में बहुत अधिक चिंतित क्यों हैं ? आज हम को आधारित संयंत्रों से तीन – चौथाई बिजली की आपूर्ति कर रहे हैं। ये कोयला आधारित बिजली संयंत्र की रीढ़ हैं।
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श्री सिंह ने उन्होंने कहा कि हमें यह देखने की जरूरत है कि कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को चरणबद्ध तरीके से बंद करने बजाय कोयला आधारित उत्पादन को कैसे कम किया जाए। कोयला आधारित संयंत्रों को चरणबद्ध तरीके से बंद करने की बात जल्दबाजी होगी।
उन्होंने बताया कि भारत ने 2030 तक 5,00,000 मेगावॉट अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
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