नई दिल्ली, 28 फरवरी। अवैध तरीके से कोयला उत्खनन के मामले में एनटीपीसी पर 81 करोड़ 89 लाख 82 हजार 60 रुपए का जुर्माना आरोपित किया गया है। मामला झारखण्ड स्थित एनटीपीसी के कोल ब्लॉक का है। एनटीपीसी के पकरी-बरवाडीह कोल मॉडर्न नॉर्थ ईस्ट प्रोजेक्ट हजारीबाग में 156 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि में अवैध कोयला उत्खनन का खुलासा एक सर्वे में हुआ था। एनटीपीसी की इस खदान का संचालन एमडीओ के तौर पर त्रिवेणी-सैनिक माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।
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सर्वे के बाद भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन इंटीग्रेटेड रीजनल ऑफिस (आईआरओ) रांची के सर्वे के बाद 81 करोड़ 89 लाख 82 हजार 60 रुपये जुर्माना लगाने की अनुशंसा सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के अनुरूप की गई है।
यह है मामला
मुहानी नाला को नष्ट कर 37.20 हेक्टेयर (100 एकड़ लगभग) एरिया में अवैध खनन किए जाने का मामला सामने आने पर 14 मार्च, 2022 को 23 करोड़ जुर्माने की अनुशंसा की थी। यह अनुशंसा भारतीय वन सेवा के अधिकारी शैलेंद्र सिंह और झारखंड वन सेवा के अधिकारी अविनाश कुमार परमार ने की थी। बड़कागांव निवासी शशिकांत ने पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता नवेंदु कुमार के जरिए केंद्र को शिकायत भेजी थी। इस शिकायत पर केंद्र सरकार ने रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय से साइट विजिट कर रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद रीजनल कार्यालय ने 156 हेक्टेयर (लगभग 400 एकड़) में अवैध खनन का मामला सामने आने पर 81 करोड़ 89 लाख रुपए जुर्माने की अनुशंसा की। रिपोर्ट में कन्वेयर बेल्ट बनने के बाद सड़क मार्ग से अवैध ट्रांस्पोर्टेशन किए जाने की पुष्टि हुई। जिसे शर्तों का उल्लंघन माना गया।
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यह भी कहा गया कि हजारीबाग वन विभाग अवैध ट्रांस्पोर्टेशन रोक नहीं रहा है, उल्टा उसके बचाव के लिए से गजट का नाम देकर अवैध ट्रांस्पोर्टेशन को जस्टिफाई कर रहा है। जबकि उस गजट में भी कन्वेयर बेल्ट के बन जाने के बाद सड़क मार्ग से कोयला ट्रांस्पोर्टेशन नहीं करना बताया गया है।
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