बिलासपुर की 23 वर्षीय पेशेवर पर्वतारोही, निशा यादव ने 13 जुलाई 2024 को रूस के माउंट एल्ब्रस पर 18,510 फीट की ऊंचाई पर विजय प्राप्त की। यह उल्लेखनीय उपलब्धि एनटीपीसी सीपत की नैगम सामाजिक दायित्व पहल के माध्यम से संभव हुई,जिसके द्वारा उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान की गई। इस समर्थन ने उनके माउंट एल्ब्रस पर चढ़ने के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एनटीपीसी सीपत ने अपनी विभिन्न सीएसआर पहलों के माध्यम से स्थानीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने की अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है, और सुश्री निशा यादव की प्रेरणादायक यात्रा इस प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद, निशा के पिता ने हमेशा उन्हें प्रोत्साहित किया है। निशा की शैक्षणिक उपलब्धियाँ उल्लेखनीय हैं, उन्होंने माता शबरी नवीन कन्या महाविद्यालय, बिलासपुर से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर सफलतापूर्वक पूरा किया है। हालांकि उनके पर्वतारोहण के कारनामे ही उन्हें वास्तव में अलग बनाते हैं।
उन्होंने भारत के कुछ सबसे ऊंचे पर्वतों को फतह किया है, जिससे उनकी असाधारण दृढ़ता और पर्वतारोहण कौशल का प्रदर्शन होता है। उनकी प्रभावशाली उपलब्धियों में उत्तराखंड में नैना पीक (8,522 फीट), केदारकंठा पीक (12,500 फीट), अरुणाचल प्रदेश में गोरिचेन ग्लेशियर (22,500 फीट), और छत्तीसगढ़ का सबसे ऊंचा पर्वत गौरलाटा शामिल हैं।
अरुणाचल प्रदेश के दिरांग में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग स्पोर्ट्स में उनके कड़े प्रशिक्षण ने उन्हें इन कठिन चढ़ाइयों के लिए पूरी तरह तैयार किया है। एनटीपीसी सीपत के वित्तीय समर्थन से, निशा अब अपने पर्वतारोहण कौशल को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाने की आकांक्षा रखती हैं और रूस के माउंट एल्ब्रस पर विजय प्राप्त करना उनके अंतरराष्ट्रीय सफर में एक महत्वपूर्ण कदम है।
निशा की कहानी दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत और किसी के सपनों को साकार करने में समर्थन की महत्वपूर्ण भूमिका का उदाहरण है। एनटीपीसी सीपत को उनकी इस उपलब्धि पर गर्व है। निशा की कहानी कई यूवा लड़कियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है, यह साबित करती हैं कि दृढ़ संकल्प के साथ आसमान ही सीमा है।