नई दिल्ली, 24 मार्च। पुरानी पेंशन स्कीम को लागू किए जाने की मांग को लेकर बीच केन्द्रीय वित्त मंत्री ने बड़ा ऐलान किया है। शुक्रवार को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन से संबंधित मुद्दों पर गौर करने के लिए समिति गठित करने का प्रस्ताव रखा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त सचिव के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई जाएगी यह कमेटी नई पेंशन स्कीम का रिव्यू करेगी। वित्त मंत्री ने लोकसभा में फाइनेंस बिल पेश किया और हंगामे के बीच ही इस पर वोटिंग हुई लोकसभा में फाइनेंस बिल को पास करा लिया गया।
पुरानी पेंशन स्कीम (OPS)
- इस स्कीम में रिटायरमेंट के समय कर्मचारी के वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है।
- पुरानी पेंशन स्कीम में पेंशन के लिए कर्मचारी के वेतन से कोई पैसा नहीं कटता है।
- पुरानी पेंशन स्कीम में भुगतान सरकार के राजकोष से होता है।
- इस स्कीम में 20 लाख रुपए तक ग्रेच्युटी की रकम मिलती है।
- रिटायर्ड कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके परिजनों को पेंशन की राशि मिलती है।
- पुरानी स्कीम में जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) का प्रावधान है।
- इसमें छह महीने बाद मिलने वाले महगाई भर्ती (डीए) का प्रावधान है।
नई पेंशन स्कीम (NP)
- कर्मचारी की बेसिक सैलरी $ डीए का 10 फीसदी हिस्सा कटता है।
- एनपीएस शेयर बाजार पर आधारित है, इसलिए यह सुरक्षित नहीं है।
- इसमें छह महीने बाद मिलने वाले महंगाई भत्ते का प्रावधान नहीं है।
- यहां रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होती।
- एनपीएस शेयर बाजार पर आधारित है, इसलिए यहां टैक्स का भी प्रावधान है।
- इस स्कीम में रिटायरमेंट पर पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40 फीसदी निवेश करना होता है।