स्कॉटलैंड के ग्लास्गो में चल रहे विश्व जलवायु सम्मेलन में पिछले हफ्ते एक सौ देशों ने 2030 तक मीथेन उत्सर्जन को 30 प्रतिशत तक कम करने का संकल्प लिया।
हालांकि जहां कार्बन डाइऑक्साइड सैकड़ों वर्षों तक आकाश में रहता है वहीं मीथेन लगभग एक दशक में विलुप्त हो जाता है। मीथेन विभिन्न प्रकार के मानवजनित और प्राकृतिक स्रोतों से उत्सर्जित होता है।
इनमें कूड़े के ढेर, तेल और प्राकृतिक गैस प्रणाली, कृषि गतिविधियां, कोयला खनन, अपशिष्ट जल उपचार और कुछ औद्योगिक प्रक्रियाएं शामिल हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि मीथेन उत्सर्जन को कम करना खर्चीला नहीं है और इसे आसानी से हासिल किया जा सकता है।
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