महासमुंद, 09 मार्च। संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रस्तुत बजट पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बजट में छत्तीसगढ़ के लोगों की भावनाओं का समावेश है। उन्होंने बजट को सर्वहारा वर्ग का ध्यान रखते हुए छत्तीसगढ़ के विकास को नया आयाम देने वाला बताया।
संसदीय सचिव व विधायक श्री चंद्राकर ने बताया कि छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने आज बुधवार को वर्ष 2022-23 के लिए विधानसभा में बजट पेश किया। बजट की तारीफ करते हुए उन्होंने बताया कि पिछले दो साल से कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन से जूझ रहे प्रदेश के हर वर्ग के लोगों को बजट में राहत दी गई है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने राज्य के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा की। इसके लिए कर्मचारी लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। वहीं आमजन को राहत देते हुए किसी भी नए टैक्स को नहीं लाया गया है। उन्होंने बताया कि राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत अब सात हजार रूपए सालाना दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत अब प्रदेश के सभी नगरपालिका और नगरपंचायतों में मोबाइल एंबुलेंस और दाई-दीदी क्लीनिक का संचालन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य के युवाशक्ति को संगठित कर प्रदेश के विकास में सहभागिता बढ़ाने के लिए राजीव युवा मितान क्लब के गठन के लिए 75 करोड़ का प्रावधान किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में 11 हजार 664 एवं नगरीय क्षेत्रों में एक हजार 605 क्लबों का गठन किया जाएगा।
वहीं पीएससी व व्यापम में राज्य के प्रतिभागियों को परीक्षा फीस में छूट दी जाएगी। हिंदी माध्यम बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए अंग्रेजी की ही तरह 32 हिंदी माध्यम स्वामी आत्मानंद स्कूल खोले जाएंगे। इसी तरह जनता की मांग के अनुरूप स्थानीय विकास के कार्यों की त्वरित स्वीकृति दिए जाने के उद्देश्य से विधायक निधि की राशि दो करोड़ से बढ़ाकर चार करोड़ की गई है।
इसके लिए 364 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसी तरह जिला पंचायत अध्यक्षों के लिए 15 लाख, उपाध्यक्षों के लिए दस लाख एवं सदस्यों के लिए चार लाख प्रतिवर्ष के मान से जिला पंचायत विकास निधि योजना में 22 करोड़ का प्रावधान किया गया है। वहीं जनपद अध्यक्षों के लिए पांच लाख, उपाध्यक्षों के लिए तीन लाख व सदस्यों के लिए दो लाख प्रतिवर्ष के मान से जनपद पंचायत विकास निधि योजना में 66 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
जिला पंचायत व जनपद पंचायत व पंचायत के पदाधिकारियों के मानदेय में भी वृद्धि की गई है। इसके अलावा पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया गया है। जिला पंचायत अध्यक्ष का मानदेय 15000 से बढ़ाकर 25000, जिला पंचायत उपाध्यक्ष का मानदेय 10000 से बढ़ाकर 15000, जिला पंचायत सदस्य का मानदेय 6000 से बढ़ाकर 10000 प्रति माह किया गया है।
जनपद अध्यक्षों का मानदेय छह हजार से बढ़ाकर दस हजार, उपाध्यक्षों का मानदेय चार हजार से बढ़ाकर छह हजार व सदस्यों का मानदेय एक हजार पांच सौ से बढ़ाकर पांच हजार प्रतिमाह किया गया है। इसी तरह सरपंचों का भत्ता दो हजार से बढ़ाकर चार हजार व पंचों का भत्ता दो सौ से बढ़ाकर पांच सौ प्रतिमाह किया गया है। इसके लिए 184 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
शासकीय अधिवक्ताओं के मानदेय में आगामी साल से बढ़ोत्तरी की जाएगी। ग्राम पंचायतों को और अधिक आत्मनिर्भर व सशक्त बनाने के लिए अधिसूचित क्षेत्रों में रेत खदानों का संचालन पंचायतों द्वारा किया जाएगा। साथ ही किसी भी पंचायत की सहमति के बिना पंचायत क्षेत्र में कोई भी खदान संचालित की नहीं की जाएगी।
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