नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के टाइटल स्पॉन्सर की दौड़ में अब एक स्वदेशी कंपनी भी शामिल हो गई है। बीते दिनों बीसीसीआई ने चीनी मोबाइल कंपनी वीवो के साथ अपने करार को रद्द कर दिया। इसके बाद तमाम कंपनियों के साथ योगगुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि भी आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सर की दौड़ में शामिल हो गई है। कंपनी द्वारा इस बात की पुष्टि भी की गई है।
पतंजलि के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने कहा है कि हम इस साल आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सरशिप के बारे में विचार रहे हैं। हम पतंजलि ब्रांड को एक वैश्विक मंच पर ले जाना चाहते हैं। इसके लिए यह लीग बेहतरीन मंच है। उन्होंने यह भी कहा कि वह बीसीसीआई को इसके लिए एक प्रस्ताव भेजने की तैयारी कर रहे हैं।
बाजार के जानकारों का मानना है कि एक चीनी कंपनी के विकल्प के तौर पर एक राष्ट्रीय ब्रांड के रूप में पतंजलि का दावा बहुत मजबूत है। मगर उनका यह भी कहना है कि पतंजलि में मल्टीनेशनल ब्रांड के तौर पर दूसरे ब्रांड के मुकाबले क्षमता की कमी है।
इस साल आईपीएल यूएई में खेला जाएगा और माना जा रहा है कि शुरुआती कुछ मुकाबलों में स्टेडियम में दर्शक नहीं होंगे। बावजूद इसके मीडिया पर इसके असंख्य विज्ञापन होंगे। वीवो के हाथ खींच लेने के बाद बीसीसीआई नए प्रायोजक तलाश कर रही है। हालांकि अभी इसके लिए टेंडर जारी नहीं हुआ है।
वीवो के हटने के बाद आईपीएल का प्रायोजक बनने के लिए बायजू, अमेजॉन, रिलायंस जियो, फैंटसी स्पोर्टस कंपनी ड्रीम 11 और कोका कोला इंडिया जैसी दिग्गज कंपनियां रेस में हैं। वीवो ने 2018 से 2022 तक पांच साल के लिए 2190 करोड़ रुपये (प्रत्येक वर्ष करीब 440 करोड़ रुपये) में आईपीएल प्रायोजन अधिकार हासिल किए थे।
साल 2006 में पतंजलि आयुर्वेद की स्थापना हुई थी। वर्तमान में पतंजलि आयुर्वेदिक औषधियों और विभिन्न खाद्य पदार्थों का उत्पादन करती है। पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड पूरी तरह से स्वदेशी (भारतीय) कंपनी है। पतंजलि की वस्तुएं वस्तुतः जड़ी बूटी और प्रक्रतिक चीजों से बनती है। भारतीय बाजार में आज पतंजलि आयुर्वेद की मजबूत पकड़ है जो कि बाजार में मौजूद विभिन्न विदेशी कंपनियों को कड़ी टक्कर दे रही है।