नई दिल्ली, 07 अप्रेल। कोल इंडिया (CIL) के अधिकारियों की वेतन विसंगति का मामला सुलझने की ओर है। सोमवार को जबलपुर हाईकोर्ट में संबंधित प्रकरण की सुनवाई हुई। कोर्ट ने गठित कमेटी को वेतन संबंधी रिपोर्ट तैयार करने के लिए आठ सप्ताह का वक्त दिया है।

यहां बताना होगा कि अधिकारियों के वेतन विसंगति को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सुनवाई चल रही है। इसके पहले 11 मार्च को सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने कोयला मंत्रालय एवं डीपीई को एफिडेविट दाखिल करने का निर्देश देते हुए 7 अप्रेल को सुनवाई मुकर्रर की थी।

इधर, 7 अप्रेल को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने कोल मंत्रालय द्वारा अधिकारियों के पे अपग्रेडेशन (pay upgradation) को लेकर गठित कमेटी को 8 सप्ताह का समय दिया है। कोर्ट ने कहा है कि आठ सप्ताह में कमेटी रिपोर्ट तैयार करे, अगर इस रिपोर्ट से किसी पक्ष की असहमति हो तो वो कोर्ट आ सकता है। कोर्ट ने डीपीई द्वारा नवंबर 2017 में जारी दिशा निर्देश का पालन करने को कहा है।

सोमवार को मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार केत और न्यायधीश विवेक जैन की बेंच में हुई। सुनवाई के दौरान मंत्रालय, डीपीई और सीआईएल के अधिवक्ता ने कहा कि मंत्रालय ने अधिकारियों की वेतन विसंगति को दूर करने हेतु एक कमेटी बनाई है। कमेटी की एक बैठक भी हो चुकी है।

कोल अधिकारियों को देश के अन्य महारत्न कंपनियों की तरह वेतन संबंधी रिपोर्ट तैयार करने हेतु 8 सप्ताह का समय चाहिए। कोर्ट ने दोनों पक्षों की सहमति से 8 सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने समय दिया।

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