नई दिल्ली, 02 नवम्बर। केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अमृत काल में, डिजिटल रूप से सशक्त पेंशनधारक एक डिजिटल रूप से सशक्त राष्ट्र के निर्माण में सहायक होगा।
डॉ. सिंह ने कहा कि जीवन प्रमाण पत्र जमा करना पेंशनधारकों को हर साल नवंबर के महीने में अपनी पेंशन की निरंतरता सुनिश्चित करने की महत्वपूर्ण प्रक्रिया है।
पारंपरिक तरीके से, पेंशनधारकों को अपना जीवन प्रमाण पत्र भौतिक रूप से जमा करने के लिए पेंशन वितरण प्राधिकरण के समक्ष पेश होना पड़ता था, जो विशेष रूप से वृद्ध, बीमार और कमजोर पेंशनधारकों के लिए असुविधाजनक था।
जितेन्द्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के पेंशनधारकों के जीवन को आसान बनाने के लिए सरकार डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र के इस्तेमाल को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दे रही है।
प्रारंभ में बायोमेट्रिक्स का उपयोग करके डीएलसी यानी डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र शुरू किया गया था। बाद में, सरकार ने आधार डेटाबेस के आधार पर एक चेहरे की पहचान की तकनीक विकसित की जिसके तहत किसी भी एंड्रॉइड आधारित स्मार्ट फोन से डीएलसी देना संभव है।
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