प्रधानमंत्री मोदी ने कहा – बायो सीएनजी संयंत्र शहरों को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने में मदद करेंगे

श्री मोदी ने गीले कचरे से बायो प्लांट के लिए आज इंदौर के नागरिकों को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इंदौर ने यह लक्ष्‍य नागरिक कर्तव्य भावना और राज्य सरकार की कड़ी मेहनत के कारण प्राप्‍त किया है।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि बायो सीएनजी संयंत्र शहरों को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने में मदद करेंगे। उन्‍होंने कहा कि सरकार अगले दो वर्षों में 75 बड़े नगर निगमों में इसी तरह के संयंत्र बनाएगी।

प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के इंदौर में आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्‍यम से गोबर-धन (बायो-सीएनजी) प्लांट का उद्घाटन किया। इस अवसर पर श्री मोदी ने कहा कि लाखों टन कचरा हजारों एकड़ जमीन पर फैला हुआ है। इससे वायु और जल प्रदूषित होते हैं।

उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण में इस समस्या से निपटने के लिए कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इंदौर का नाम आते ही देवी अहिल्या बाई होल्कर का नाम सबसे पहले याद आता है लेकिन आज इंदौर का नाम लेने के साथ ही स्वच्छता की ओर भी ध्यान जाता है।

श्री मोदी ने गीले कचरे से बायो प्लांट के लिए आज इंदौर के नागरिकों को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इंदौर ने यह लक्ष्‍य नागरिक कर्तव्य भावना और राज्य सरकार की कड़ी मेहनत के कारण प्राप्‍त किया है।

इससे पहले, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के कचरे से कंचन की कल्‍पना को साकार करने और स्वच्छता के क्षेत्र में नवोन्मेष के उद्देश्य से पांच सौ 50 मीट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता का बायो सीएनजी प्लांट स्थापित किया गया है।

मध्‍य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राज्‍य प्रधानमंत्री के कचरे से कंचन के मंत्र को पूरी तरह लागू करने का प्रयास कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि इसका उदाहरण इंदौर का गोबर-धन बायो सीएनजी प्लांट है।

कचरा मुक्त शहर बनाने के समग्र दृष्टिकोण के साथ प्रधानमंत्री ने हाल ही में स्वच्छ भारत मिशन शहरी का दूसरा संस्‍करण शुरू किया है। मिशन को संसाधनों के अधिकतम उपयोग करने के लिए कचरे से कंचन और अधिकतम उपयोग की अर्थव्यवस्था के व्यापक सिद्धांतों के अंतर्गत लागू किया जा रहा है।

इंदौर के इस संयंत्र में प्रतिदिन पांच सौ 50 टन गीले जैविक कचरे को अलग करने की क्षमता है। इससे प्रति दिन लगभग 17 हजार किलोग्राम सीएनजी और प्रतिदिन सौ टन जैविक खाद का उत्पादन होने की आशा है।

इसके अलावा, इस परियोजना से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी, उर्वरक के रूप में जैविक खाद के साथ हरित ऊर्जा भी मिलेगी।

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