नई दिल्ली, 16 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 75 डिजिटल बैंकिंग इकाईयां राष्ट्र को समर्पित कीं। इन इकाइयों की स्थापना यह सुनिश्चित करने के लिए की गई है कि डिजिटल बैंकिंग का लाभ देश के कोने-कोने तक पहुंचे। ये, लोगों को विभिन्न प्रकार की डिजिटल बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करेंगी जिनमें बचत खाता खोलना, बैलेंस की जानकारी, पासबुक प्रिंट करना, राशि अंतरण करना, सावधि जमा में निवेश करना, ऋण आवेदन, क्रेडिट तथा डेबिट कार्ड के लिए आवेदन करना और कर तथा बिल का भुगतान करना शामिल हैं।
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इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि ये बैंकिंग इकाइयां डिजिटल सेवाओं को सशक्त बनाएंगी और देश को मजबूत डिजिटल बैंकिंग बुनियादी ढांचा प्रदान करेंगी। उन्होंने कहा कि इससे बैंकिंग और वित्तीय प्रबंधन में सुधार होगा और पारदर्शिता तथा वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा। श्री मोदी ने कहा कि आम लोगों के जीवन को सुगम बनाने के लिए चलाये जा रहे अभियान में यह एक और महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बैंकिंग सेवाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और सुनिश्चित किया है कि ये अंतिम छोर तक पहुंचें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार न्यूनतम डिजिटल बुनियादी ढांचे के साथ अधिकतम सेवाएं सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि नए भारत में बैंकिंग सेवाएं सभी के लिए आसानी से उपलब्ध होंगी। श्री मोदी ने कहा कि जन-धन, आधार और मोबाइल सेवाओं ने देरी की समस्या को दूर किया है। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष लाभ, सीधे लाभार्थियों के खातों में अंतरण से पारदर्शिता में सुधार हुआ है।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी देश की अर्थव्यवस्था उसकी बैंकिंग प्रणाली की मजबूती पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि इसी मजबूती के कारण नए भारत की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ बनी है। श्री मोदी ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र, सुशासन और बेहतर सेवाएं प्रदान करने का माध्यम बन गया है। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत के प्रत्यक्ष लाभ अंतरण और डिजिटल कौशल की सराहना कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल बैंकिंग इकाइयां नवाचारों को बढावा देंगी। उन्होंने कहा कि नया भारत, डिजिटल करेंसी की ओर काफी तेजी से आगे बढ़ा है और डिजिटल लेन-देन से देश की अर्थव्यवस्था को काफी फायदा हुआ है।
इस अवसर पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा कि विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल इस सरकार की विशेषता है। उन्होंने कहा कि इन डिजिटल बैंकिंग इकाइयों के माध्यम से वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा मिलेगा। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि डिजिटल बैंकिंग को लोकप्रिय बनाना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उपभोक्ता के लिए किफायती और सुरक्षित होगी।
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भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि देश भर के 75 जिलों में रिकॉर्ड छह महीने के समय में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां स्थापित की गई हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत बैंकिंग क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और नवाचार के लाभ के दोहन पर अधिक ध्यान दिया जाना है। श्री दास ने कहा कि रिजर्व बैंक, बैंकिंग सेवाओं से डिजिटल बुनियादी ढांचे की उपलब्धता में सुधार के लिए प्रगतिशील उपाय कर रहा है।
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