नई दिल्ली, 06 फरवरी। खान मंत्रालय के अधीन भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) 09 फरवरी 2023 को पूसा के आईसीएआर, नई दिल्ली में केंद्रीय भूवैज्ञानिक प्रोग्रामिंग बोर्ड (सीजीपीबी) की 62वीं बैठक आयोजित करेगा। केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी मुख्य अतिथि होंगे और खान, कोयला तथा रेल राज्य मंत्री श्री रावसाहेब पाटिल दानवे विशिष्ट अतिथि होंगे।
खान मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज की अध्यक्षता में होने वाली एक दिवसीय बैठक में जीएसआई के महानिदेशक डॉ. एस. राजू और विभिन्न मंत्रालयों, खनन तथा भूविज्ञान के राज्य निदेशालय, पीएसयू, निजी खनन उद्योग, खनन संघों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और अन्य हितधारकों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
प्रल्हाद जोशी आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और तमिलनाडु राज्य डीजीएम के प्रतिनिधियों को तांबा, बॉक्साइट, पोटाश, चूना पत्थर, वैनेडियम, लिथियम, मोलिब्डेनम, तांबा, सोना और मैंगनीज जैसी वस्तुओं की सोलह संसाधन वाली भूवैज्ञानिक रिपोर्ट (जी2 और जी3 चरण) सुपुर्द करेंगे। इसके साथ ही, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना राज्यों को 35 भूवैज्ञानिक ज्ञापन सौंपे जाने हैं। इन संभावित ब्लॉकों में बेस मेटल, बॉक्साइट, फॉस्फोराइट, चूना पत्थर, ग्रेफाइट, सोना, निकल, क्रोमियम, लोहा, मैंगनीज और पीजीई जैसी खनिज वस्तुएं शामिल हैं। बैठक के दौरान कोयला और लिग्नाइट की खोज की सत्रह रिपोर्ट कोयला मंत्रालय को सुपुर्द की जानी है।
बैठक के दौरान बोर्ड के सदस्यों के बीच 61वीं सीजीपीबी बैठक की कार्यसूची मदों के साथ-साथ हितधारकों द्वारा प्रस्तावित नई कार्यसूची मदों पर अनुवर्ती कार्रवाई की समीक्षा की जाएगी।
जीएसआई ने वर्ष 2023-24 के लिए लगभग 966 वैज्ञानिक कार्यक्रम तैयार किए हैं, जिसमें खनिज अन्वेषण के तहत 318 कार्यक्रम शामिल हैं। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण और उर्वरक खनिजों की खोज पर बल दिया गया है। पब्लिक गुड जियोसाइंसेज के तहत उच्च सामाजिक-आर्थिक प्रभाव वाले लगभग 111 कार्यक्रम प्रस्तावित किए गए हैं। पिछले वर्ष, 2023-24 के लिए आगामी प्रचालन के दौरान, जीएसआई ने वर्ष 2022-23 के लिए लगभग 967 वैज्ञानिक कार्यक्रम तैयार किए हैं जिसमें 12 समुद्री खनिज जांच कार्यक्रमों सहित खनिज अन्वेषण के तहत 319 कार्यक्रम शामिल हैं।
जीएसआई राज्य सरकारों के अनुरोध पर 2023-24 के दौरान 966 परियोजनाओं में से 20 कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है। ये 37 कार्यक्रम विश्वविद्यालयों/एजेंसियों/विभिन्न प्राधिकरणों के प्रायोजन के सहयोग से हैं।
बेसलाइन जियोसाइंस डाटा संग्रह, खनिज अन्वेषण और भूस्खलन और भूकंप जैसे प्राकृतिक आपदाओं के अध्ययन, भारत में जीएसआई वेंडरों (दोनों भारतीय और वैश्विक फर्मों) द्वारा लागू की जा रही एयरो-जियोफिजिकल तकनीकों, एचजेडएल द्वारा खनन प्रौद्योगिकियां, निजी मान्यता प्राप्त अन्वेषण एजेंसियों द्वारा उपयोग की जा रही तकनीकों और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण प्रकाशनों के विमोचन के क्षेत्र में जीएसआई की विरासत और उपलब्धियों को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी, सीजीपीबी की 62वीं बैठक के अन्य मुख्य आकर्षणों में से हैं।