नई दिल्ली, 28 नवम्बर। भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने जोर देकर कहा कि बजट की दिशा समाज के निचले तबके की बेहतरी के लिए होनी चाहिए, जिसमें असंगठित क्षेत्र, कृषि क्षेत्र, ग्रामोद्योग, सूक्ष्म और लघु उद्योग, सीमांत क्षेत्र आदि शामिल हैं।
बीएमएस के राष्ट्रीय महामंत्री रविंदर हिमते ने वित्त मत्रांलय के साथ बजट पूर्व आयोजित परामर्श बैठक की जानकारी दी। श्री हिमते ने बताया कि बीएमएस ने असंगठित क्षेत्र को अधिक धन आबंटित करने, आंगनबाड़ी, आशा कार्यकर्ता, मध्याह्न भोजन कार्यकर्ता सहित सभी प्रकार के योजना कार्यकर्ताओं का मासिक मानदेय बढ़ाने तथा सभी असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को ईएसआई सुविधाएं प्रदान करने की मांग रखी है।
बीएमएस ने न्यूनतम पेंशन को 1000 रुपए से बढ़ाकर 5000 रुपए करने और इसे वीडीए से जोड़ने पर जोर दिया। पेंशनभोगियों की समस्याओं की ओर वित्त मंत्रालय का ध्यान आकृष्ट कराया गया। पेंशनभोगियों को आयुष्मान भारत योजना से जोड़कर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने की मांग की गई।
बैठक में बीएमएस ने सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों की समस्याओं का मुद्दा उठाया। सरकार को अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करना होगा और घाटे में चल रहे उद्योगों को पुनर्जीवित करने, उत्पादन का विविधीकरण करने और बंद करने के बजाय शीर्ष प्रबंधन को जवाबदेह बनाने के लिए एक दृष्टिकोण अपनाना होगा। इसमें एनटीसी मिल्स, हैवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन, एचएमटी आदि का बकाया वेतन तुरंत चुकाने की मांग की गई।
बीएमएस ने विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ते अनुबंधीकरण पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त की। इसमें कर्मचारियों को चरणबद्ध तरीके से नियमित करने की मांग की गई। बीएमएस के राष्ट्रीय महामंत्री रविंदर हिमते ने बताया कि हमने मौजूदा कर्मचारियों के कौशल विकास पर ध्यान देने की भी मांग की सरकार को कौशल विकास के लिए अधिक धन आबंटित करना होगा और ग्रामीण क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने के लिए कौशल प्रशिक्षण विधियों का पता लगाने के लिए नई योजनाएं विकसित करनी होंगी।
बीएमएस ने वित्त मंत्रालय से जीपीएफ नियमों के तहत डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस के मौजूदा लाभ को बढ़ाने और केंद्र सरकार के कर्मचारी समूह बीमा योजना के लाभ को बढ़ाने का अनुरोध किया।
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