प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला और अन्य मंत्रियों के साथ आज दोपहर बाद नये संसद भवन में लोकसभा कक्ष में पहुंचे। इस ऐतिहासिक अवसर पर उन्होंने 75 रुपये का सिक्का और डाक टिकट जारी किया। कार्यक्रम की शुरूआत सभी संसद सदस्यों और राज्यों के मंत्रियों और अन्य गणमान्य अतिथियों के साथ राष्ट्रगान से हुई। राज्य सभा के सभापति हरिवंश ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड के संदेश पढे। श्री हरिवंश ने कहा कि आज का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है और यह अमृतकाल में प्रेरणा का स्रोत सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत प्रसन्नता का विषय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आधुनिक संसद भवन का निर्माण ढाई वर्ष से भी कम समय में किया गया है।
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सुबह नवनिर्मित संसद भवन राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने सुबह 7 बजकर 20 मिनट पर नये संसद भवन पहुंचकर महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने संसद भवन में पुजारियों अर्थात अधीनम के साथ प्रवेश किया और हवन किया। श्री मोदी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ मिलकर सेंगोल को स्थापित किया और पट्टिका का अनावरण कर संसद भवन का उद्घाटन किया। इसके बाद श्री मोदी ने नये संसद भवन के निर्माण में शामिल लोगों को सम्मानित किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ने सर्वधर्म प्रार्थना सभा में भी हिस्सा लिया। इसमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह, डॉक्टर जितेन्द्र सिंह, राजनाथ सिंह, अश्विनी वैष्णव, अनुराग सिंह ठाकुर, डॉक्टर मनसुख मांडविया, प्रह्लाद जोशी और भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हुए।
नया संसद भवन आत्मनिर्भर भारत की भावना का प्रतीक है, जिसे रिकॉर्ड समय में उच्च गुणवत्ता के साथ निर्मित किया गया है। इस भवन से भारत की गौरवशाली लोकतांत्रिक परम्पराएं और संवैधानिक मूल्य समृद्ध होंगे। यह भवन की अत्याधुनिक तकनीक के सहयोग से सदस्यगण अपना काम बेहतर तरीके से कर सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस भवन की आधारशिला 10 दिसम्बर 2020 को रखी थी।
नया संसद भवन 65 हजार वर्ग मीटर में बना है। तिकोने आकार के कारण इसमें स्थान का अधिकतम उपयोग हुआ है। लोकसभा कक्ष में आठ सौ 88 सीटें हैं और इसकी विषय-वस्तु राष्ट्रीय पक्षी मोर पर आधारित है। राज्यसभा कक्ष में तीन सौ 84 सीटें हैं और यह राष्ट्रीय पुष्प कमल की थीम पर आधारित है। संसद के संयुक्त सत्र के लिए लोकसभा कक्ष में एक हजार दो सौ 72 सीटों की व्यवस्था है। इस भवन के कार्यालय नवीनतम तकनीक और दृश्य-श्रव्य प्रणाली से सुसज्जित हैं।
इस भवन के संविधान कक्ष में नागरिकों को लोकतंत्र के केंद्र बिन्दु के रूप में रखा गया है। नये सेंट्रल लाउंज के साथ अब खुला प्रांगण भी होगा। पर्यावरण अनुकूल इस भवन की प्लैटिनम रेटिंग की गई है और यह पर्यावरण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। नया संसद भवन आधुनिक भारत की जीवंतता और विविधता के साथ सांस्कृतिक एवं क्षेत्रीय कला, शिल्प और भारतीय विरासत को भी दर्शाता है। इसमें दिव्यांगों की सुविधा का भी ध्यान रखा गया है। वास्तुकला का यह अद्भुत उदाहरण देश की प्रगति का गौरवपूर्ण प्रतीक है। इसकी भव्य संरचना प्रगति और राष्ट्र के विकास की भावना को प्रतिबिंबित करती है।