नई दिल्ली, 01 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित एक समारोह में 5-जी सेवाओं की शुरूआत की। 5-जी तकनीक से बाधारहित कवरेज, डाटा की उच्च गति और भरोसेमंद सम्पर्क उपलब्ध हो सकेगा। इससे ऊर्जा कुशलता, स्पैक्ट्रम कुशलता और नेटवर्क कुशलता में भी वृद्धि होगी।
श्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि 5-जी सेवा दूरसंचार उद्योग की ओर से 130 करोड़ भारतीयों को उपहार है और एक नये युग की दिशा में कदम है तथा इससे असीम संभावनाओं की शुरूआत होगी। उन्होंने कहा कि 2-जी, 3-जी और 4-जी के समय में भारत तकनीक के लिए अन्य देशों पर उपलब्ध था, लेकिन 5-जी सेवाओं की शुरूआत पर राष्ट्र ने इतिहास रचा है। उन्होंने कहा कि 5-जी के साथ ही भारत दुनिया में पहली बार दूरसंचार प्रौद्योगिकी में वैश्विक मानक स्थापित कर रहा है। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में विकास का बड़ा दृटिकोण है और इसका उद्देश्य आम आदमी तक प्रौद्योगिकी को ले जाना है जो आम जनता के लिए काम करे और आम जनता का आपस में सम्पर्क बनाए। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया की सफलता चार स्तम्भों डिजिटल लागत, उपकरण, डिजिटल कनेक्टिविटी और डाटा लागत पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि डिजिटल पहले का दृटिकोण और सरकार का ध्यान इन सब पर है।
पहले स्तम्भ का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल आत्मनिर्भर भारत के माध्यम से कम लागत के उपकरण हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में भारत में मोबाइल फोन विनिर्माण के केवल दो संयंत्र थे और अब देश दो सौ से अधिक मोबाइल फोन निर्माण के कारखाने हैं। अब हम करोड़ों रुपयों के मोबाइल फोन का निर्यात भी कर रहे हैं।
दूसरे स्तंभ डिजिटल कनेक्टिविटी पर प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में इंटरनेट प्रयोगकर्ता महज छह करोड़ थे जो अब 80 करोड़ से अधिक हो गए हैं। श्री मोदी ने कहा कि हर घर जल योजना और उज्जवला योजना की तरह सरकार सभी के लिए इंटरनेट उपलब्ध कराने के लक्ष्य पर काम कर रही है। तीसरे स्तंभ कम लागत के डाटा के संबंध में उन्होंने कहा कि उद्योग को रियायतें दी गई हैं और विस्तार के लिए 4-जी प्रौद्योगिकी के लिए नीतिगत सहयोग दिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे देश में डाटा की कीमत कम हुई है। उन्होंने कहा कि इन तीनों का असर हर जगह दिखाई दे रहा है। डिजिटल प्रथम का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था कि जब मुट्ठीभर अमीर लोग सवाल करते थे कि क्या गरीब आदमी डिजिटल का अर्थ भी समझेगा। ये लोग उनकी क्षमताओं पर भी संदेह करते थे। श्री मोदी ने कहा कि उन्हें हमेशा से देश के आम आदमी की समझ, विवेक और मानसिक ग्राह्यता पर भरोसा था। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने हमेशा यह पाया है कि देश का गरीब व्यक्ति हमेशा नई प्रौद्योगिकी स्वीकार करने के लिए तैयार रहता है।
डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार इसे लेकर आगे बढे और सरल डिजिटल भुगतान के रास्ते बनाए गए। सरकार मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से नागरिक केंद्रित सेवाओं को प्रोत्साहन देती है। श्री मोदी ने कहा कि जब सरकार साफ नीयत से काम करती है तो नागरिकों की नीयत में भी बदलाव होता है और यही 2-जी और 5-जी में अंतर है।
श्री मोदी ने कहा कि भारत में डाटा की कीमत दुनिया में सबसे कम है। उन्होंने कहा कि पहले एक जी बी डाटा की कीमत तकरीबन तीन सौ रुपये थी और अब लगभग 10 रुपये में एक जी बी डाटा आता है। देश में औसतन एक व्यक्ति प्रति माह 14 जी बी डाटा प्रयोग करता है। वर्ष 2014 में इतने डाटा की कीमत तकरीबन चार हजार दो सौ रुपये थी जो अब 125 रुपये से 150 रुपये तक हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहली तीन औद्योगिक क्रांतियों से भारत को लाभ नहीं हुआ होगा, लेकिन अब उन्हें पूरा भरोसा है कि चौथी औद्योगिक क्रांति का लाभ भारत को पूरी तरह से मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारत चौथी औद्योगिकी क्रांति का नेतृत्व करेगा।
श्री मोदी ने कहा कि 5-जी प्रौद्योगिकी के प्रयोग से न केवल तेज गति का इंटरनेट मिलेगा, बल्कि इसमें जीवन को बदलने की क्षमता है। उन्होंने दूरसंचार उद्योग संगठनों के नेताओं से स्कूलों और कॉलेजों में जाने का अनुरोध किया और उन्हें नई प्रौद्योगिकी के प्रत्येक पहलु की जानकारी देने को कहा। उन्होंने उद्योग संगठनों से छोटे उद्योगों के अनुकूल माहोल बनाने को भी कहा जिससे वे इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण उद्योग के लिए कलपुर्जे बना सकें। प्रधानमंत्री ने आश्वस्त किया कि आने वाले समय में दूरसंचार क्षेत्र में भारत दुनिया के भविष्य का नेतृत्व करेगा और वैश्विक नेता बनेगा।
डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के जरिए सरकार नीतिगत पहल कर रही है और डिजिटल कनेक्टिविटी इसका महत्वपूर्ण हिस्सा है। 5-जी सेवा में नए युग के कारोबार, अतिरिक्त राजस्व और रोजगार सृजित करने की क्षमता है।
प्रधानमंत्री ने प्रगति मैदान में प्रदर्शनी का मुआयना भी किया। उन्होंने कहा कि चार अक्टूबर को हो रही इंडियन मोबाइल कांग्रेस के छठे सम्मेलन की मुख्य विषय वस्तु न्यू डिजिटल यूनिवर्स होगी।
संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 5-जी प्रौद्योगिकी से शिक्षा, मालवहन, स्वास्थ्य, कृषि और बैंकिंग समेत अनेक क्षेत्रों में मूलभूत बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि गांवों में कनेक्टिविटी के लिए 35 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि दूरसंचार डिजिटल इंडिया का मूल आधार है और इससे प्रत्येक व्यक्ति को डिजिटल सेवाएं दी जा रही हैं।
इस अवसर पर दूरसंचार राज्य मंत्री देवु सिंह चौहान, रिलायंस उद्योग के प्रमुख मुकेश अंबानी, आदित्य बिडला समूह के प्रमुख कुमार मंगलम बिडला तथा भारतीय इंटरप्राइसेस के संस्थापक सुनील भारती मित्तल ने भी अपने विचारों को साझा किया।
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