निजी विमानन कंपनी इंडिगो यात्रियों से उनके सामान के लिए शुल्क वसूलने पर विचार कर रही है। कोविड-19 महामारी की मार से पस्त होने के बाद भारत में विमानन उद्योग में एक बार फिर तेजी देखी जा रही है।
इंडिगो का संचालन करने वाली इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड ने फरवरी में हवाई टिकट में सामान का किराया अलग करने की प्रक्रिया लागू नहीं की थी। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने कहा था कि विमानन कंपनियां यात्रियों के सामान ले जाने के लिए नि:शुल्क और गैर-नि:शुल्क किरायों की पेशकश कर सकती हैं। इंडिगो के मुख्य कार्याधिकारी रणजय दत्ता ने मंगलवार को एक साक्षात्कार के दौरान कहा था कि किराए की सीमा तय होने और कोविड महामारी की वजह से यात्रियों की संख्या सीमित रखने के आदेश से कंपनी उस समय इस विषय पर कोई निर्णय नहीं ले पाई थी। दत्ता ने कहा, ‘हम सरकार से इस विषय पर चर्चा करते रहे हैं। कोई अंतिम निर्णय करने से पहले हालात पूरी तरह सुधरने का इंतजार कर रहे थे।’
भारतीय विमानन बाजार में विमानन कंपनियों के बीच किराया कम से कम रखने के लिए तीखी होड़ चल रही है। इंडिगो की तरह गो एयरलाइंस इंडिया लिमिटेड भी हवाई टिकट से सामान का किराया अलग करने पर विचार कर रही है। हवाई किराया और कम करने की इंडिगो की पहल से विमानन कंपनियों के बीच टिकट सस्ता करने की होड़ और बढ़ जाएगी। किराए को लेकर चल रही इस तीक्ष्ण प्रतिस्पद्र्धा के कारण कई विमानन कंपनियों को अपना कारोबार समेटने पर विवश होना पड़ा है।
रकम जुटाने की योजना पर कंपनी का कहना है कि वह पूर्व योजना के अनुसार संस्थागत निवेशकों को शेयर जारी कर संभवत: पूंजी नहीं जुटाएगी। दत्ता ने कहा कि देश में अब हवाई यात्रा में तेजी आई है और महामारी का असर विमानन उद्योग पर अब धीरे-धीरे कम होता हो रहा है।
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