कोलकाता, 01 अप्रेल। कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) के अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल ने सीआईएल मुख्यालय में परियोजनाओं की निगरानी और सहायता के लिए “प्रोजेक्ट डिजीकोल“ (PROJECT DIGICOAL) और “डिजिटल वार-रूम“ (Digital War-Room) का शुभारंभ किया। यह परियोजना उन्नत डिजिटल समाधानों का उपयोग करके सीआईएल के खनन कार्यों को भविष्य के लिए तैयार करने में मदद करेगी।
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लॉन्च के साथ, परियोजना सीआईएल की 7 कोयला खदानों में लाइव हो गई, जिसमें एसईसीएल में गेवरा, दीपका और कुसमुंडा खदानें और एनसीएल में निगाही, जयंत, दुधीचुआ और खड़िया खदानें शामिल हैं। सीआईएल ने एसेंचर को डिजाइन और कार्यान्वित करने के लिए सलाहकार के रूप में अनुबंधित किया है
आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चेयरमैन श्री अग्रवाल ने वित्त वर्ष 2022- 23 के लिए निर्धारित 700 मिलियन टन के कोयला उत्पादन लक्ष्य को पार करने के लिए बधाई दी। सीआईएल में डिजिटलीकरण के एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर “प्रोजेक्ट डिजीकोल“ के लॉन्च का हवाला देते हुए, श्री अग्रवाल ने कहा कि यह परियोजना प्रक्रियाओं को कुशल बनाने में मदद करेगी।
डॉ. बी. वीरा रेड्डी, निदेशक (तकनीकी) – सीआईएल ने अपने संबोधन में कहा कि यह गर्व की बात है कि सीआईएल भविष्य के लिए अत्याधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकियों के साथ मॉडल खानों की स्थापना कर रही है ताकि विकास को बढ़ावा देने और दक्षता में सुधार करने में मदद मिल सके।
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विनय रंजन, निदेशक (पी एंड आईआर), देबाशीष नंदा, निदेशक (व्यवसाय विकास), मुकेश चौधरी, निदेशक (विपणन), बृजेश कुमार त्रिपाठी, मुख्य सतर्कता अधिकारी, विनोद कुमार और रणजीत साहू, एमडी (रासायनिक और प्राकृतिक संसाधन), एक्सेंचर और सीआईएल और एक्सेंचर के वरिष्ठ प्रबंधन सीआईएल मुख्यालय में उपस्थित थे। पी.एस. मिश्रा, सीएमडी एसईसीएल और भोला, सीएमडी एनसीएल, के वरिष्ठ प्रबंधन के साथ वर्चुअल रूप से लॉन्च कार्यक्रम में भाग लिया।
बता दें “प्रोजेक्ट डिजिकोल” मजबूत सर्वेक्षण और योजना के लिए ड्रोन की तैनाती, एआई/एमएल आधारित ड्रिल और ब्लास्ट डिजाइन, भारी मशीनों की उपलब्धता और उपयोग को अधिकतम करने के लिए आईओटी आधारित फ्लीट मॉनिटरिंग सिस्टम, भूमि अधिग्रहण प्रबंधन जैसे डिजिटल पोर्टफोलियो के माध्यम से कार्य दक्षता को बढ़ावा देते हुए समग्र उत्पादन में सुधार के लिए उद्योग की अग्रणी प्रथाओं को लागू करने में कोल इंडिया की मदद करेगा। इस पहल से कोल इंडिया को वित्त वर्ष 2025-26 तक कोल इंडिया लिमिटेड को 1 बिलियन टन (बीटी) कोयला उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।