नई दिल्ली, 02 दिसम्बर। सोमवार को संसद में राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौते (NCWA) की धारा 9.4.0 को लेकर सवाल उठाया गया।

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सांसद संजय सिंह ने पूछा, वर्ष 2018 से लेकर अब तक राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौते की धारा 9.4.0 के द्वारा कोल इंडिया के तहत अपैक्स मेडिकल बोर्ड का कितनी बार गठन हुआ है, यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं? यदि इसका गठन नहीं हुआ है तो कोल इंडिया द्वारा मेडिकली अनफिट व्यक्तियों के परिवारजनों को नियोजित करने हेत क्या कदम उठाए गए हैं और वर्ष 2018 से लेकर अब तक कोल इंडिया द्वारा कितने मेडिकली अनफिट कर्मियों के परिवारजनों को नियोजित किया गया है?

कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने लिखित जवाब में बताया कि वर्ष 2018 से, कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) में राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौते की धारा 9.4.0 के तहत 3 (तीन) शीर्ष चिकित्सा बोर्डों का गठन किया गया है।
विनिर्दिष्ट बीमारियों से पीड़ित गैर-कार्यपालक संवर्ग के कर्मचारियों को शीर्ष चिकित्सा बोर्ड द्वारा फिट घोषित किए जाने तक प्रति माह वेतन की 50 प्रतिशत की दर पर “विशेष अवकाश“ प्रदान करने का प्रावधान दिनांक 01.07.2016 से बढ़ा दिया गया है और यह 01.07.2021 से बाद के राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौते- XI (NCWA) में अभी भी जारी है।

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कोयला मंत्री ने बताया कि सीआईएल (इसकी सहायक कंपनियों सहित) के सभी कर्मचारियों और उनके आश्रित परिवार के सदस्यों को चिकित्सा उपचार की सुविधा प्रदान की जाती है। सीआईएल और इसकी सहायक कंपनियों के किसी भी कर्मचारी को 2018 से आयोजित शीर्ष चिकित्सा बोर्ड में चिकित्सकीय रूप से अयोग्य घोषित नहीं किया गया है।

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