मोदी सरकार द्वारा घोषित नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) योजना को लेकर कांग्रेस नेता व सांसद राहुल गांधी ने गंभीर सवाल उठाए हैं।

उन्होंने मोदी सरकार पर इस निजिकरण योजना के जरिए देश के संसाधानों को अपने खास लोगों को बेच डालने का आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने आज विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर कहा कि 70 साल में जो भी देश की पूंजी बनी, मोदी सरकार उसे बेचने जा रही है।

राहुल गांधी ने पीएम मोदी और बीजेपी नेताओं द्वारा अक्सर दोहराए जाने वाले शब्दों का जिक्र करते हुए कहा कि बीजेपी का नारा था कि 70 साल में कुछ नहीं हुआ। लेकिन कल वित्त मंत्री ने देश में जो भी 70 वर्षों में बना, उसे बेचने का ऐलान किया है। केंद्र सरकार का यह कदम पहले से रोजगार से वंचित किए गए देश के युवाओं के अधिकारों पर एक और हमला है।

कांग्रेस नेता ने कहा पीएम मोदी सबकुछ बेच रहे हैं। मोदी सरकार ने 1.6 लाख करोड़ में रोडवेज बेच दिया, देश की रीढ़ कही जाने वाली रेलवे को 1.5 लाख करोड़ में बेच दिया। गेल इंडिया की पाइपलाइन, पेट्रोलियम की पाइपलाइन, पॉवर जनरेशन प्लांट, बीएसएनल और एमटीएनल के साथ ही सरकारी गोदामों और वेयरहाउसिंग को भी सरकार बेच रही है।

राहुल गांधी ने कहा कि रेलवे देश की रीढ़ है। गरीब आदमी एक शहर से दूसरे शहर रेलवे के बिना सफर नहीं कर सकता है। लेकिन सरकार 1.50 लाख करोड़ रुपये में रेलवे के 400 स्टेशन, 150 ट्रेनें और रेलवे ट्रैक निजी हाथों को बेच रही है। रेल कर्मचारियों को अगाह करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अगर ये सब रेलवे से छीनकर प्राइवेट कंपनी को दिया जाएगा तो आने वाले दिनों में आपके रोजगार पर भी खतरा होगा।

राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार की ये निजीकरण योजना प्रमुख क्षेत्रों में एकाधिकार पैदा करने के उद्देश्य से है और इससे नौकरियां खत्म हो जाएंगी। पावर, टेलीकॉम, वेयर हाउसिंग, माइनिंग, एयरपोर्ट, पोर्ट्स ये सब एकाधिकार बनाने के लिए किया जा रहा है, आप जानते हो पोर्ट्स किसके हाथ में हैं, एयरपोर्ट किसको मिल रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा कि जैसे ही एकाधिकार बनता जाएगा उसी तेज़ी से आपको रोज़गार मिलना बंद हो जाएगा। इस देश में जो छोटे और मध्यम व्यवसाय हैं, जो कल आपको रोज़गार देंगे वो सब बंद हो जाएंगे, ख़त्म हो जाएंगे। 3-4 व्यवसाय रहेंगे इनको रोज़गार देने की कोई ज़रूरत नहीं रहेगी। इस तरह देश की पूंजी बेची जा रही है, ये आपके भविष्य पर आक्रमण है। नरेंद्र मोदी जी अपने 2-3 उद्योगपति मित्रों के साथ हिन्दुस्तान के युवा पर आक्रमण कर रहे हैं, इसे आप अच्छी तरह समझिए।

राहुल गांधी ने कहा कि हम निजीकरण के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हमारी निजीकरण योजना का तर्क था। हमने रणनीतिक उद्योगों का निजीकरण नहीं किया और हम रेलवे को रणनीतिक उद्योग मानते हैं क्योंकि यह लाखों करोड़ लोगों को ट्रांसपोर्ट करता है और बहुत से लोगों को रोजगार भी देता है। हमने लंबे समय से घाटे में चल रहे उद्योगों का निजीकरण किया। हमने उन कंपनियों का निजीकरण किया जिनकी बाजार हिस्सेदारी न्यूनतम थी। हमने किसी विशेष क्षेत्र में निजी क्षेत्र के एकाधिकार को रोकने की क्षमता वाले सरकारी उद्यमों का निजीकरण नहीं किया।

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