लोकसभा में रेल मंत्रालय की अनुदान मांगों (2022-23) पर चर्चा करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि रेलवे का प्राइवटाइज़ेशन यानी निजीकरण नहीं किया जा रहा है.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव रेल मंत्रालय की अनुदान मांगों पर की गई चर्चा का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि कई सदस्यों ने यह मुद्दा उठाया कि सरकार रेलवे का निजीकरण करना चाहती है.
उन्होंने कहा- ‘ट्रैक किसका हैं- रेलवे के, पटरी किसकी- रेलवे की, स्टेशन किसके- रेलवे के, तार किसके- रेलवे के, इंजन किसके- रेलवे के, ट्रेन के कोच किसके- रेलवे के, सिगनलिंग सिस्टम किसका है- रेलवेका, यहां कहां से प्राइवटाइज़ेशन की बात उठती है. यह एकदम स्पष्ट है कि रेलवे के प्राइवटाइज़ेशन की कोई बात ही नहीं है.’
उन्होंने कहा कि कुछ सदस्यों ने कहा कि कुछ फ्रेट ट्रेनों (freight train) को प्राइवटाइज़ किया जा रहा है, जो बिलकुल भी सच नहीं है. भारत सरकार की नीति में रेलवे के लिए यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि रेलवे एक स्ट्रैटिजिक सैक्टर है. इस सैक्टर के सामाजिक दायित्व हैं. साथ ही वाणिज्यिक दायित्व भी हैं, उन्हें देखते हुए रेलवे के निजीकरण की कोई गुंजाइश नहीं है.
रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे के निजीकरण का मुद्दा जो कुछ सदस्यों ने उठाया है, वह काल्पनिक है.
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