रेलवे में 2018 में निकाली गई जेई व टेक्नीशियनों की वेटिंग लिस्ट अब तक क्लीयर नहीं हो पाई है। सांसदाें और मंत्रियों की सिफारिश के बावजूद वेटिंग लिस्ट सौ प्रतिशत क्लीयर नहीं होने से हजारों अभ्यर्थियाेंं का इंतजार लंबा हो गया है और इससे उनमें निराशा है। अब रेलवे की स्थायी संसदीय समिति (स्टेंडिंग कमेटी) की बैठक 20 अक्टूबर को नई दिल्ली में होने जा रही है। इस बैठक में एक बार फिर से यह मामला उठेगा।
इस में कमेटी के सदस्यों से एजेंडा और सुझाव भी मांगे गए हैं। बता दें कि यही कमेटी पहले भी रेलवे में टेक्नीशियन और जूनियर इंजीनियर (जेई) के उम्मीदवारों की सौ प्रतिशत वेटिंग क्लीयर करने की सिफारिश कर चुकी है। इसके बावजूद उम्मीदवारों को दिल्ली में डेरा डालना पड़ रहा है।
रेलवे बोर्ड ने सभी भर्ती बोर्ड से खाली पदों की जानकारी मांंगी थी
स्टेडिंग कमेटी के दखल के बाद ही रेलवे बोर्ड ने सभी रेलवे भर्ती बोर्ड को पत्र लिखकर खाली पदों की जानकारी मांगी थी। रेलवे में अभी भी पद खाली पड़े हैं, जिसके बावजूद परीक्षा में पास और मेडिकल फिट उम्मीदवारों को नौकरी के लिए चार साल से अधिक से इंतजार करना पड़ रहा है।
रेलवे ने 2018 में एएलपी व टेक्नीशियनों के 64 हजार से ज्यादा पदाें की निकाली थी भर्ती
सन 2018 में रेलवे में सहायक लोको पायलट (एएलपी) और टेक्नीशियन की भर्ती 64 हजार 371 निकली थी। इसमें से एएलपी के 27 हजार 797 और टेक्नीशियन के 36 हजार 576 पद थे। मेडिकल होने के बाद दोनों ही पदों के परीक्षार्थियों को वेटिंग लिस्ट में डाल दिया था। हालांकि एएलपी की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी गई, लेकिन वेटिंग में रखे गए टेक्नीशियनों के शत प्रतिशत लिस्ट जारी नहीं हुई।
जेई के 13487 पदोंं की भर्ती निकाली गई थी
इसी तरह जेई के अभ्यर्थियों को वेटिंग लिस्ट में रखा, जबकि इनका मेडिकल हो चुका है। रिक्त पदों पर इनकी भर्ती का कोई विकल्प नहीं निकाला गया। जेई के 13 हजार 487 पदों के लिए यह भर्ती सन 2018 में निकली थी। इनकी मेडिकल प्रक्रिया सन 2019 में शुरू हुई।
रेल मंत्रालय ने सभी महाप्रबंधकों और आरआरबी के चेयरमैन को पत्र लिखकर रिक्त पदों की जानकारी मांगी थी। बाद में एएलपी के वेटिंग में रखे परीक्षार्थियों को दूसरे आरआरबी में समायोजित कर दिया था, जहां पर पद रिक्त थे। टेक्नीशियन और जेई पद पर वेटिंग में रखे परीक्षार्थियों ने भी अपनी आवाज उठाई कि उनकी वेटिंग को भी क्लीयर कर दिया, फिर चाहे दूसरे आरआरबी में ही नियुक्ति मिल जाए।अब अभ्यर्थियों की नजर इस पर लग गई है कि स्टेंडिंग कमेटी की बैठक में उनकी भर्ती को लेकर सदस्य क्या रुख अपनाते हैं।
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