बोकारो, 12 जुलाई। सीटू से सम्बद्ध श्रमिक संगठनों द्वारा कोयला कामगारों के वेतन समझौते सहित अन्य मांगों को लेकर कोल सेक्टर में आंदोलन किया जा रहा है।
इसे भी पढ़ें : एटक नेता रमेंद्र कुमार गरजे, कहा- केन्द्र के इशारे पर सीआईएल कोयला कामगारों के वेतन समझौते को लटका रहा
ऑल इंडिया कोल वर्कर फेडरेशन के आव्हान पर 15 जून से 15 जुलाई तक चलने वाले स आंदोलन के तहत मंगलवार को सीसीएल के बोकारो एवं करगली क्षेत्र में महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया।
ऑल इंडिया कोल वर्कर फेडरेशन सह जेबीसीसीआई सदस्य एवं एनसीओईए के केंद्रीय अध्यक्ष डीडी रामानंदन मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित थे।
डीडी रामानंदन ने कहा कि केन्द्र सरकार कोयला उद्योग के निजीकरण के लिए कई तरह के रास्ते अपना रही है। पहल कॅमर्शियल माइनिंग, फिर मुद्रीकरण पाइप लाइन। उन्होंने कहा सरकार कोयला उद्योग को निजीकरण के रास्ते पर ले जाना बंद करे। कोयला कामगारों में वो ताकत है जो निजीकरण के रास्तों को बंद कर सकती है। सरकार की मंशा मजदूरों को कम वेतन देने की भी है।
इसे भी पढ़ें : कोयला और खनन उद्यमों के अशासकीय निदेशकों का ओरिएन्टेशन कार्यक्रम
धरना प्रदर्शन के दौरान जेबीसीसीआई का समझौता जल्द करने, तीन प्रतिशत एमजीबी का प्रस्ताव देकर कोयला मजदूरों का अपमान करना बंद करने, बीसीसीएल, ईसीएल और सीएमपीडीआई को कोल इंडिया से अलग नहीं करने, सीएमपीडीआई और बीसीसीएल के 25 फीसदी शेयर बेचने का प्रस्ताव वापस लेने, एनएमपी के तहत कोल इंडिया की 160 खदानों को निजी हाथों मैं देने की योजना को बंद करने आदि मुद्दों को लेकर आवाज बुलंद की गई।
कोल सेक्टर की खबरें पढ़ने क्लिक करें : https://www.industrialpunch.com/category/coal/
सोशल मीडिया पर अपडेट्स के लिए Facebook (https://www.facebook.com/industrialpunch) एवं Twitter (https://twitter.com/IndustrialPunch) पर Follow करें …