मुंबई, 08 जून।  भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बढ़ती महंगाई को काबू में लाने के लिये बुधवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 4.9 प्रतिशत कर दिया।

आरबीआई के इस कदम से कर्ज महंगा होगा और कर्ज की मासिक किस्त यानी ईएमआई बढ़ेगी। इससे पहले, चार मई को आरबीआई ने अचानक से रेपो दर में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि की थी।

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि एमपीसी ने आम सहमति से नीतिगत दर में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि का फैसला किया है।

मॉनिटरिंग पॉलिसी कमेटी की बैठक के प्रमुख बिंदु :

  • सर्वसम्मति से 50 BPS पर पॉलिसी रेपो रेट को बढ़ाकर 4.90% करने के लिए मतदान किया।
  • स्टैंडिग डिपोजिट फैसिलिटी(SDF रेट) को 4.65% और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी(MSF रेट) और बैंक रेट को 5.15% तक एडजस्ट किया गया है।
  • 31 मई को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी प्रोविजनल अनुमानों के अनुसार, 2021-22 में भारत की GDP ग्रोथ 8.7% रहने का अनुमान है। 2021-22 में रियल GDP का स्तर महामारी से पहले यानी 2019-20 के स्तर से अधिक हुआ है।
  • 2022 में सामान्य मानसून और भारत में कच्चे तेल की औसत कीमत 105 डॉलर प्रति बैरल के मुताबिक, अब 2022-23 में मुद्रास्फीति 6.7% होने का अनुमान है।
  • फिलहाल लोग UPI से अपने बचत और चालू खाते से अपने डेबिट कार्ड के माध्यम से लेन-देन कर सकते हैं। यह प्रस्तावित हुआ है कि लोग अपने ‘RuPay’ क्रेडिट कार्ड से भी UPI के माध्यम से लेन-देन कर सकेंगे। शुरूआत में ‘RuPay’ क्रेडिट कार्ड UPI प्लेटफॉर्म पर जुड़ सकेंगे।
  • घर की कीमतों में हुई वृद्धि को ध्यान में रखते शहरी सहकारी बैंकों और ग्रामीण सहकारी बैंकों द्वारा 2011 और 2009 में फिक्स किए गए इंडिविजुअल होम लोन की सीमा को 100% से संशोधित किया जा रहा है।

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