मुंबई, 05 अगस्त। शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने खुदरा महंगाई को काबू में लाने के लिये नीतिगत दर रेपो को 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत कर दिया। इससे कर्ज की मासिक किस्त बढ़ेगी। साथ ही मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने नरम नीतिगत रुख को वापस लेने पर ध्यान देने का भी निर्णय किया है।

मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन की बैठक में किये गये निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, “एमपीसी ने आम सहमति से रेपो दर 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत करने का निर्णय किया है।”

उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ऊंची मुद्रास्फीति से जूझ रही है और इसे नियंत्रण में लाना जरूरी है। दास ने कहा, “मौद्रिक नीति समिति ने मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये नरम नीतिगत रुख को वापस लेने पर ध्यान देने का भी फैसला किया है।”

आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। साथ ही केंद्रीय बैंक ने खुदरा महंगाई दर चालू वित्त वर्ष में 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान बरकरार रखा है।

इससे पहले, रिजर्व बैंक ने रेपो दर में पिछले चार म‍हीनों में दशमलव नौ प्रतिशत की वृद्धि की थी। रेपो दर वह दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक, रिजर्व बैंक से उधार लेते हैं। बैंक ने वर्ष 2022-23 के लिए आर्थिक वृद्धि दर सात दशमलव दो प्रतिश‍त रहने का अनुमान लगाया है।

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