रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सोमवार को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर एक करोड़ रुपये का आर्थिक जुर्माना लगाया। बैंक ने कर्ज से लदी संपत्तियों की बिक्री और फ्रॉड के मामलों को दर्ज करने से जुड़े RBI की तरफ से जारी कुछ निर्देशों का पालन नहीं किया था, जिसके चलते उस पर यह जुर्माना लगाया गया।
RBI ने एक बयान में कहा कि उसकी जांच में यह पाया गया कि शुरुआती चेतावनी संकेतों के होने के बावजूद एक खाते को खतरे की श्रेणी (रेड फ्लैग) के रूप में वर्गीकृत करने से जुड़े नियमों और सालाना रिपोर्ट में सिक्योरिटी रीसीप्ट्स (SR) के खुलासे से जुड़े प्रावधानों को उल्लंघन किया गया।
RBI ने कहा कि यह कार्रवाई पूरी तरह से रेगलुटर की तरफ से जारी नियमों के अनुपालन से जुड़ी है और इसका यूनियन बैंक के किसी ट्रांजैक्शन या एग्रीमेंट से लेना-देना नहीं है। यूनियन बैंक ने अपने ग्राहकों से जो एग्रीमेंट किए हैं, जो उन्हें सेवाएं देने को कहा है, वह सब पहले की तरफ चलता रहेगा।
RBI ने यूनियन बैंक की 2019 की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में जांच शुरू की थी, जिसमें उसने पाया कि बैंक ने कुछ नियमों का उल्लंघन किया है। सेंट्रल बैंक के मुताबिक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया चेतावनी के शुरुआती संकेतों के बावजूद एक खाते को खतरे की श्रेणी (रेड फ्लैग) के रूप में वर्गीकृत नहीं कर पाई और नहीं उसने सालाना रिपोर्ट में सिक्योरिटी रीसीप्ट्स की प्रोविजनिंग की।
RBI ने इससे पहले यूनियन बैंक को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें उसने पूछा था कि आखिर क्यों उस पर RBI के निर्देशों के उल्लंघन पर जुर्माना नहीं लगाना चाहिए। बैंक के जवाब पर विचार करने के बाद RBI इस निष्कर्ष पर पहुंची कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगना चाहिए।
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